पश्चिम बंगाल में शाह आज करेंगे रैली, TMC को टक्कर देगी BJP

खबरें अभी तक। आज बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह एनआरसी पर विवाद के बीच कोलकाता में रैली करेंगे। आपको बता दे की अमित शाह कोलकाता के एस प्लेनेट में इस रैली को संबोधित करेंगे। बीजेपी ने 2019 लोकसभा चुनावों पर कड़ी नजर रखी हुई है। बताया जा रहा है की अमित शाह ने राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान लोकसभा की 42 सीटों में से 22 पर जीत का लक्ष्य रखा है।

आपको बता दे की साल 2014 में टीएमसी ने 34 सीटों पर जीत दर्ज की थी वहीं बीजेपी को महज दो सीटें मिली थी। बीजेपी में इस तरह की भावना है कि एनआरसी का विरोध करने के कारण बनर्जी को अल्पसंख्यक वोटों के लिए तुष्टिकरण की राजनीति के तहत हिंदू विरोधीनेता के तौर पर पेश किया जा सकता है। बताया जा रहा है की शाह युवा मोर्चा की तरफ से आयोजित रैली को संबोधित करेंगे। आपको बता दे की शाह का भाषण दोपहर तीन बजे होगा।

बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की सत्ता से दूर बीजेपी, टीएमसी को चुनौती देने के लिए लंबे समय से तैयारी कर रही है। बीजेपी ने अपनी नजर 2019 लोकसभा चुनाव पर रखी हुई है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूबे के मिदनापुर में रैली को संबोधित किया था, इस दौरान उनके निशाने पर टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी थी।

आपको बता दे की असम में सोमवार को नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन की दूसरी ड्राफ्ट लिस्ट का प्रकाशन कर दिया गया था। जिसके मुताबिक कुल तीन करोड़ 29 लाख आवेदन में से दो करोड़ नवासी लाख लोगों को नागरिकता के योग्य पाया गया है, वहीं करीब चालीस लाख लोगों के नाम इससे बाहर रखे गए हैं। एनआरसी का पहला मसौदा 1 जनवरी को जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे, दूसरे ड्राफ्ट में पहली लिस्ट से भी काफी नाम हटाए गए हैं, नए ड्राफ्ट में असम में बसे सभी भारतीय नागरिकों के नाम पते और फोटो हैं, इस ड्राफ्ट से असम में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बारे में जानकारी मिल सकेगी। असम के असली नागरिकों की पहचान के लिए 24 मार्च 1971 की समय सीमा मानी गई है यानी इससे पहले से रहने वाले लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है।

आपको बता दे की बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में एक करोड़ से अधिक अवैध प्रवासी हो सकते हैं और सुझाव दिया कि उनकी पहचान के लिए सीमावर्ती राज्यों में एनआरसी होना चाहिए। वहीं राज्य बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने पहले कहा था कि अगर बीजेपी राज्य में सत्ता में आती है तो असम की तर्ज पर एनआरसी का प्रकाशन किया जाएगा। हालाकी ममता बीजेपी की इस बात पर कड़ा विरोध जता चुकी हैं।