देवरिया कांड के बाद प्रशासन का सख्त रवैया, स्वाधार गृह पर मारा छापामारी जारी

खबरें अभी तक। देवरिया में हुये स्वाधार गृह कांड के बाद सख्त हुये प्रशासन ने एक स्वाधार गृह पर छापा मारा, हरदोई के जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बेनीगंज में संचालित स्वाधार गृह का निरीक्षण किया, जहां अभिलेखों में दर्ज 21 निराश्रित महिलाओं में मात्र 2 महिलायें ही मौजूद मिलीं, जब गहनता से जांच की गयी तो पता चला कि अभिलेखों में अनुदान लेने के लिये महिलाओं की फर्जी संख्या दर्ज की गयी थी। इस पर जिलाधिकारी ने संचालकों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराकर संस्था का पंजीकरण निरस्त करने की संस्तुति की है|

आयशा ग्रामोद्योग द्वारा महिलाओं को स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण देने के लिए बेनीगंज कस्बे में स्थित स्वाधार गृह का जिलाधिकारी पुलकित खरे द्वारा आकस्मिक निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के दौरान 21 पंजीकृत महिलाओं में मात्र 2 महिलाएं ही मौके पर मौजूद पायी गई,  शेष अपात्र महिलाओं के नाम फर्जी तरीके से सूची में अंकित किये गये थे व सरकारी अनुदान पाने के लिये फर्जी सूची तैयार की गई थी।

संभवतः यह महिलाएं आस-पास के गांवों की है जिनके पते सूची में डाले गये है जिसकी जांच के आदेश एवं संचालक तथा अधीक्षिका के विरुद्ध जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है तथा संस्था के विरूद्व कार्यवाही किये जाने के निर्देश भी निर्गत किये गये हैं।

जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान स्वाधार गृह में मात्र दो महिलाएं मिलीं व अधीक्षिका भी गायब थीं। यहां तक वहां कोई जिम्मेदार कर्मचारी भी नहीं मिला, संस्था में सारा खेल कागजों पर मात्र अनुदान पाने के लिए चल रहा था। संस्था अब तक लाखों का अनुदान ले चुकी है।  यह भी जानकारी मिली कि जब कभी भी अधिकारी यहां निरीक्षण करने पहुंचते थे तो आस-पास की महिलाओं को 100 रुपये देकर बुला लिया जाता था।

निरीक्षण की भनक लगने के बाद केंद्र पहुंची अधीक्षिका आरती ने फर्जी रूप से अपना बचाव करते हुए बताया कि निरीक्षण के समय मैं वहां नहीं थी व महिलाये मंदिर दर्शन करने गयी थीं।

जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया कि आयशा ग्रामोद्योग समिति पिहानी द्वारा संचालित बेनीगंज के स्वाधार केंद्र पर निरीक्षण के दौरान पाया गया कि सरकारी अनुदान पाने के लिए कागजों पर महिलाओं की फफ्जी संख्या अंकित कर ली गयी थी, जो आस-पास की महिलाएं हो सकती हैं, व केंद्र पर इतनी जगह भी नहीं थी कि इतनी महिलाओं को रखा जा सके, स्वाधार केंद्र के संस्थापक/अधीक्षिका के खिलाफ 420, 467, 468, 491, 477-ए एवं 465 की धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी गई है।