एक मछली ने दो भाईयों को बनाया लखपति, जानिए कैसे

ख़बरें अभी तक। मुंबई के दो मछुआरे हमेशा की तरह समुद्र में मछलियां पकड़ने गए थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि आज उनकी किस्मत चमकने वाली है और वे लखपति बनने वाले है. वह रोज की तरह पालघर समुद्रतट पर मछलियां पकड़ने गए और किस्मत से उनके जाल में घोल मछली फंस गई और जब वे मछली को बाजार में बेचने गए तो वह 5.5 लाख में बिकी. आस-पास के लोगों के अनुसार बहुत दिनों के बाद यहां किसी को घोल मछली मिली. मछली का वजन लगभग 30 किलोग्राम था.

महेश और उसके भाई द्वारा पकड़ी गई घोल फिश की खबर जंगल की आग की तरह सब में फैल गई. सोमवार को मछली को बेचने के लिए बोली लगाई गई. मछली को खरीदने के लिए व्यापारियों की लंबी लाइन लग गई. यह बोली बीस मिनट तक चली और और मछली को 5.5 लाख रुपये में एक व्यापारी ने खरीद लिया. घोल मछली खाने में स्वादिष्ट तो होती ही है. इस मछली में चमत्कारी औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसके कारण पूर्वी एशिया में इसकी कीमत बहुत ज्यादा है. यहां तक कि घोल (ब्लैकस्पॉटेड क्रॉकर, वैज्ञानिक नाम प्रोटोनिबा डायकांथस) को ‘सोने के दिल वाली मछली’ के रूप में भी जाना जाता है.

बता दें कि यह मछली मुख्यत: सिंगापुर, मलयेशिया, इंडोनेशिया, हॉन्ग-कॉन्ग और जापान में निर्यात की जाती है. घोल मछली जो सबसे सस्ती होती है उसकी कीमत भी 8,000 से 10,000 तक होती है. ‘ मई में भायंदर के एक मछुआरे विलियम गबरू ने यूटान से एक मंहगी घोल पकड़ी थी. वह मछली 5.16 लाख रुपये में बिकी थी. घोल मछली का उपयोग दवाई निर्माता कंपनी भी करती है. इसकी स्किन में उच्च गुणवत्ता वाला कोलेजन (मज्जा) पाया जाता है.