मांगों को लेकर रोड़वेज कर्मचारियो ने थामे बसों के पहिए, सभी बसें बंद

खबरें अभी तक। प्रदेश भर की रोड़वेज बसों का आज चक्का जाम रहा। रोड़वेज की कर्मचारी महासांघ व सर्वकर्मचारी संघ सरीखी यूनियनों के द्वारा प्रदेश भर में संयुक्त रूप से बसों का चक्का जाम कर सरकार को यह दिखाने का प्रयास किया गया कि कर्मचारी एक बार फिर से आरपार की लड़ाई के मूड में हैं तो दूसरी ओर राज्य परिवहन को भी आज के चक्का जाम से प्रदेश में करोड़ों का चूना लगया व यात्री परेशान रहे वे अलग।

ये नजारा अकेले भिवानी का नहीं बल्कि सूबे के दूसरे तमाम बस डिपु़ओं में भी देखा जा सकता है। दरअसल रोड़ सेफ्टी बिल व 700 नए रूट परमिट निजी हाथों को सौंपने के निर्णय के विरोध स्वरूप राज्य परिवहन के कर्मचारियों का गुस्सा आज फूट पड़ा व कर्मचारियों ने बसों का चक्का जाम कर रोष जताया।

रोड़वेज कर्मचारियों ने केन्द्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया तो साथ ही चेतावनी भी दे डाली कि अगर सरकार ने सात सौ नए रूट परमिट निजी हाथों में देने का फैसला लागू कर दिया तो आज तो एक दिन का चक्का जाम है जिस दिन से फैसला लागू हुआ उसी दिन से अनिश्चितकालीन चक्क जाम होगा। कर्मचारी नेताओं का तर्क था कि जब रोड़वेज आमदनी दे रहा है तो फिर निजी हाथों में इसे सौंपने का तुक क्या है। उनका कहना था कि सरकार रोज समझौते करती है पर धरातल पर उनको लागू नहंी करती जिस कारण कर्मचारियों का भरोसा सरकार से उठ चुका है।

वहीं रोड़वेज के जीएम का कार्यभार देख रहे भिवानी के एसडीएम सतीश कुमार सैनी का कहना था कि कर्मचारी यूनियनों की हड़ताल एवं चक्का जाम के चलते अकेले भिवानी डिपो को दस से बारह लाख के राजस्व का नुकसान होने का अंदेशा है तो भी वैकल्पिक इंतजामात किए गए हैं।

उधर रोड़वेज बसों के पहिए थमने से यात्री भटकते दिखे। खासकर नौकरीपेशा लोगों व दैनिक यात्रियों को भारी असुविधा हुई। वे लोग जेा कि राज्य परिवहन की बसों में ही सफर करते हें,आज अपेन गंतव्य तक पहुंचने के लिए मशक्कत करते दिखे। पचास साठ किलोमीटर तक की दूरी भी आटो व टाटा मैजिक में करने पर यात्री मजबूर दिखे तो सरकार एवं रोड़वेज कर्मचारियों को भी यात्री कोसते रहे। एक बुजुर्ग महिला की पुत्रवधू के नवजात शिशु की हालत खराब थी तो उसे रोहतक पीजीआई जाने के लिए धक्के खाने पड़े तो ऐसे ही अनेकों यात्रियों को भारी परेशानियों से रूबरू होना पड़ा।

वहीं पुलिस के भी पुख्ता प्रबंध बस अडड़ा परिसर व रोड़वेज कर्मशाला में किए गए थे। अलग अलग जगहों पर कंपनियंा तैनात की गई थी ताकि किसी भी तरह से व्यवस्था बिगडऩे ना पाए। बस स्टंड परिसर व रोडवेज कर्मशाला को तो छावनी में तब्दील किया गया था।

बहरहाल भिवानी में चक्का जाम पूरी तरह असरकारक रहा तथा रोड़वेज की तमाम बसें पूरी तरह बंद रही तो निजी वाहन चालकों ने चांदी कूटी। यात्री परेशान रहे और रोड़वेज को भी पूरे प्रदेश में करोउ़ों का चूना लगना लाजिमी सी बात है। कर्मचारी यूनियनों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ेन अपने फैसलों को लगाू किया तो आने वाले दिनों में चक्का जाम अनिश्चितकालीन में बदल जाएगा।