फसलों के अवशेष को लेकर सरकार गंभीर, अवशेष प्रबंधन पर गंभीरता से काम

खबरें अभी तक। आने वाले धान की कटाई की सीजन को देखते हुए हरियाणा सरकार भी गंभीर है. सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन पर गंभीरता से काम करना शुरू कर दिया है. जहां एक ओर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कृषि और किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ सोशल, प्रिंट औरव इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए किसानों को पराली न जलाने की अपील निरंतर कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर विभाग के प्रधान सचिव डा. अभिलक्ष लिखी नियमित रूप से फील्ड में कृषि उप-निदेशकों के साथ नियमित रूप से विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक कर रहे हैं.

इस कड़ी में उन्होंने कृषि उप-निदेशकों के साथ-साथ सभी जिलों के सूचना, जनसंपर्क और भाषा विभाग के अधिकारियों के साथ शुक्रवार को चंडीगढ़ से वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर फसल अवशेष प्रबंधन को एक अभियान के रूप में चलाने के निर्देश दिए. उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि पराली न जलाने वाले किसानों को एक राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के हाथों सम्मानित करवाया जाएगा.

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस समारोह में पराली न जलाने वाले किसानों को विशेष रूप से सम्मानित करवाए. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कृषि यंत्र खरीदने के लिए हरियाणा सरकार सीएचसी के माध्यम से 80 प्रतिशत अनुदान और व्यक्तिगत रूप से यंत्र खरीदने पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान किया है. इस काम के लिए केन्द्र सरकार की ओर से 137 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए गए हैं.