करनाल: बीजेपी के राज में गायों की हालत खस्ता!

ख़बरें अभी तक। बीजेपी के राज में गायों की हालत खस्ता है.मतलब गाय हमारी मां है और गायों की रक्षा होनी चाहिए वाले नारे झूठे हैं.झूठे इसलिए भी क्योंकि हरियाणा के सीएम साहब की नगरी में इलाज के अभाव में गायें दम तोड़ रही हैं. लेकिन उनकी सूध लेने वाला कोई नहीं है ना ही नगर पालिका के अधिकारी औऱ ना ही गौरक्षा के नाम पर लोगों को पीट-पीटकर मार डालने वाले कुछ गौरक्षक.

देश में गायों को बचाने की राजनीति जारी है. गाय के नाम पर लोकतंत्र ठोकतंत्र बनता जा रहा है. अलवर से लेकर बिहार तक की ख़बरें आपने देखी होगी. कल ही बिहार के हाजीपुर में कुछ लोगों ने गौरक्षा के नाम पर कुछ लोगों को जाति-धर्म पूछ-पूछकर पीटा.लेकिन फिर भी गायों की हालत में सुधार नहीं हुआ. हरियाणा के सीएम साहब की सिटी का आलम देख लीजिए तो आप खुद समझ जाएंगे कि गौरक्षा का नारा देने वाले बीजेपी के राज में भी गायें खस्ता हाल हैं.

ये सीएम सिटी करनाल के फूसगड़ गांव की गौशाला और नंदीशाला की तस्वीरें हैं. जहां गायें इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर दम तोड़ देती हैं. उनके शवों को उठाया भी नहीं जाता क्योंकि नगर निगम के लिए इन्हें पालना बहुत बड़ी चुनौती है.लेकिन इतनी बड़ी चुनौती थी तो आखिर नगर निगम ने गायों को पालने का ठेका ले क्यों लिया. खैर चुनौती तो हर काम में है लेकिन गौरक्षा वालों से पूछिए कि वो ये चुनौती क्यों नहीं स्वीकार करते जिनके सिर पर धर्म और जाति पूछ-पूछकर लोगों को मारने का जुनून सवार रहता है.शायद वो भी इस काम से पल्ला झाड़ लेंगे क्योंकि उनका काम सिर्फ सड़कों से गायें उठाकर नंदीशाला तक पहुंचाना है.ऐसे में आखिर ये जिम्मेदारी किसकी है.