प्राइवेट अस्पातलों का मनमानी, हड्डी लगाने के नाम पर लुटे 30 लाख

खबरें अभी तक। प्राइवेट अस्पातलों का मनमानी लगातार सामने आ रही है और हर बार अस्पतालों का कोई न कोई नया कारनामा सामने आया है। इस बार सोनीपत के फिम्स अस्पताल ने कुमासपुर निवासी राजबीर से 2016 से अब तक पैर में हड्डी लगाने के नाम पर करीबन 30 लाख रूपये ले लिए और जब उनके पास पैसे खत्म हो गए तो राजबीर की पत्नी को अस्पताल में नौकरी करने को मजबूर किया और अब पैर काटने की सलाह दे डाली।

प्राइवेट अस्पातलों का मनमानी लगातार सामने आ रही है। अब सोनीपत के फिम्स अस्पताल का कारनामा सामने आया है। इस अस्पताल ने पैर के इलाज का 30 लाख रुपये का बिल बना दिया। दरअसल  गांव कुमासपुर के राजबीर का 2016 में एक्सीडेंट हो गया था। जिसके  चलते फिम्स अस्पताल में भर्ती करवाया था और और राजबीर के पैर ने करीबन 2 इंच हड्डी नहीं थी। उसके बाद अस्पातल लगातार उन्हें इलाज  होने की बात कह कर 30   लाख रूपये ले लिए और अब पैर काटने की सलाह दे डाली जिसके चलते राजबीर की पत्नी ने सीएम विंडो  सोनीपत उपायुक्त और स्वास्थ्य विभाग को शिकायत दी है।

राजबीर पीड़ित राजबीर ने हमे बताया की 14 जून 2016 को सिवाह पानीपत हमारी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया और मुझे पानीपत प्राइवेट हस्पताल में दाखिल करवाया गया और उन डॉक्टरों ने मेरा पैर काटने की बात कहीं फिर में सोनीपत के फिम्स अस्पताल में आगया और इन्होंने 6 महीने में पैर कवर होने की बात कहीं और ये इलाज करते रहे और इस में मेरे करीबन 30 लाख रूपये खर्च हो गए और अब पैर काटने की बोल रहे है। राजबीर ने बताया की मैने दूसरे हस्पताल में भी पैर दिखाया तो डॉक्टर बोला की तुम्हारे पैर में कुछ नहीं है। राजबीर का आरोप है की डॉक्टरों ने मुझे चुना लगाया है और मुझसे 25 ,30 लाख रूपये ले लिए मेरी तीनो गाड़िया बर्बाद हो  गई। बच्चों को स्कूल में भेजने के लिए भी पैसे नहीं है और हम चाहते है की अस्पताल पर कड़ी कार्यवाही की जाए।

नीलम राजबीर की पत्नी का आरोप है की अस्पताल प्रशाशन ने हमे एक बार भी नहीं बताया की पैर में हड्डी नहीं है और हमसे पैसे लेते रहे जिसके लिए हमने आपने मकान भी बेच दिया। गाड़िया भी बेच दी और अब हमारे पास कुछ भी नहीं बचा और अब आखिर में बोल रहे है की अपना पैर कटवा लो अब हम बर्बाद हो चुके हैं। हमारे बच्चे स्कूल में भी नहीं जाते अब बताओ हम क्या करे अब हमारे भूखे मरने की नौबत आगई है। नीलम ने बताया की मैं इनको बागपत भी लेकर गई थी। उन डॉक्टरों ने भी हमे बताया की इनका पैर पहले ही कटना था अब हमारे घर एक टाइम खाना बनता है एक टाइम नहीं। नीलम  बताया की मुझे मजबूर किया गया हस्पताल में नौकरी करने क लिए और मुझे मजबूरी में नौकरी करनी पड़ी 12 ,12 घंटे की।

विनोद  विनोद ने हमे बताया की हमारे भाई का एक्सीडेंट हुआ था और फिम्स  हस्पताल वालो ने जिम्मेदारी ली थी की आपका भाई 6 महीने में चलने लग जायगा उसके बाद उन्होंने 13 ऑपरेशन किये और उसके बाद हमे बोलते रहे की आपके पैर की हड्डी कवर हो रही है अब 2 साल के बाद बोल रहे है की आपका पैर कटेगा और हमने जब दूसरे डॉक्टरों को दिखाया तो उन्होंने बोला जिस दिन एक्सीडेंट हुआ उसदिन ये पैर कटना था और ये अब भी कटेगा

हमारे भाई ने अपना सब कुछ बेच दिया अब वो बर्बादी की कगार पर बैठा है डॉक्टरों ने अपना एक्सपेरिमेंट करने क लिए हमारा सबकुछ बिकवा दिया वहीं अब पूरे मामले की जांच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास है और जब हमने  मामले की जानकारी लेनी चाही तो  सीएमओ जेएस पूनिया  ने कैमरे पर  बोलने से साफ़ मना कर दिया।