राम मंदिर निर्माण को लेकर यूपी और केंद्र सरकार को अल्टीमेटम

ख़बरें अभी तक। राम मंदिर को लेकर अयोध्या में अचानक गतिविधियां तेज होती दिखाई दे रही है. साधु संतों और हिंदू संगठनों की दो अलग-अलग बैठकों में राम मंदिर निर्माण को लेकर रणनीति ही नहीं बनाई गई, बल्कि सीधे-सीधे यूपी और केंद्र सरकार को अल्टीमेटम भी दे दिया गया.

राम मंदिर निर्माण को लेकर सबसे पहली बैठक उन साधु-संतों की हुई जो राम जन्मभूमि न्यास और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हुए है. इस बैठक में एक स्वर में सवाल हुआ कि राम मंदिर अब नहीं तो आखिर कब? इसी के साथ राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने साफ कहा कि अब मंदिर के लिए और इंतजार नहीं. सभी पूछते हैं कि आखिर राम का मंदिर कब बनेगा? लिहाजा ऐसी स्थिति में जब केंद्र में और राज्य दोनों में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है तो अयोध्या में भव्य राम का मंदिर क्यों नहीं बन रहा तो वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु भाई माने जाने वाले दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास ने खुलासा किया कि योगी जी ने प्रधानमंत्री से साफ-साफ कह दिया है कि अयोध्या में बिना राम मंदिर निर्माण के सारा विकास बेकार है इसलिए अयोध्या में भव्य राम का मंदिर बनना चाहिए और वह खुद इस में लगे है.

राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने इसी के साथ सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि उनके लिए कोई सरकार नहीं है, उनके लिए एक ही सरकार है, जो सबसे बड़ी है. वह उसी सरकार को मानते हैं जो कभी नहीं गिरती. लिहाजा संत अपनी आवाज दिल्ली तक पहुंचाएं और अगर सरकार नहीं सुनती तो साधु संत राम मंदिर निर्माण के लिए एक बार फिर आंदोलन करेंगे. मामला सुप्रीम कोर्ट में है लेकिन सुप्रीम कोर्ट को प्रणाम करके राम मंदिर आंदोलन का कार्य शुरू कराया जाए और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो अगर ऐसा नहीं होता तो सरकार को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा.