24 साल में बना कैप्टन, चोटी को फतेह कर मौत को लगाया गले

खबरें अभी तक। 7 जुलाई का दिन आज भले ही किसी को यह याद हो न हो लेकिन पालमपुर की धरती इस दिन आंसू बहाना नही भूलती.. क्यों कि आज के दिन तिरंगे में लिपट कर पालमपुर के रहने वाले शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का पार्थीव शरीर आया था. उस समय हिमाचल में मातम छा गया था क्योंकि मात्र 24 साल की उम्र में ही पाकिस्तानी सेना को धूल चटाने में विक्रम बत्रा कामयाव हो गए  थे.

कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ लड़ते हुए प्वाइंट 5140 चोटी जीतने के बाद विक्रम बत्रा ने कहा था कि आखिरी चोटी पर तिरंगा फहराकर आऊंगा या फिर तिरंगे में लिपटकर लौटूंगा,चोटी पर तिरंगा तो लहराया पर विक्रम बत्रा ज़िंदा वापस नहीं आ पाए.. आपको बता दें कि इस जाबांज का जन्म नौ सितंबर 1974 को हिमाचल प्रदेश के पालमपुर (घुग्‍गर) में हुआ था.. भले ही आज इस सपूत ने शहादत को गले लगाय हो. लेकिन आज भी सब इस जाबांज को  याद कर रोने के लिए मजबुर हो जाते है.