देश में जल्द आएगी नई ऊर्जा निति, अगले साल 31 मार्च के बाद नहीं लगेगे बिजली के कट

ख़बरे अभी तक। देश में जल्द आएगी नई ऊर्जा निति,  देश भर के उर्जा मंत्रियों के शिमला में सम्मेलन में आये सुझावों को नयी निति में किया जायेगा शामिल. सरकार के पास भेजा गया है नयी निति का प्रारूप, केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव के पास है नई उर्जा निति का ड्राफ्ट. अगले साल  31 मार्च तक देश को मिलेगा बिजली में लगाने वाले कट से छुटकारा, केंद्र सरकार ने किया लक्ष्य निर्धारित, तीन साल बाद लगेगे प्रीपेड शुल्क सुविधा वाले स्मार्ट मीटर, देश की हाईडल पॉलिसी को भी घाटे से उभारने के लिए मंत्रालय के पास महत्वपूर्ण सुझाव.

देश में बिजली सस्ती करने के लिए केंद्र सरकार पुख्ता नीति बना रही है. मंगलवार को शिमला से सटे कुफरी में देश के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय राज्य मंत्री आरके सिंह ने यह खुलासा किया. उन्होंने कहा कि महंगी हाइड्रो पावर के लिए जिम्मेदार कारण चिह्नित कर इन्हें  दूर किया जा रहा है. बिजली परियोजनाएं लगाने के लिए जिन उत्पादकों ने बैंक लोन लिए है. उसे चुकाने की मोहलत बढ़ाई जाएगी. हिमाचल की तर्ज पर पहले कुछ सालों तक उत्पादकों से मुफ्त बिजली न लेने पर केंद्र विचार कर रहा है. केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि हाइड्रो पावर महंगी होने के चलते अभी हिमालयी राज्यों को बिजली के अच्छे दाम नहीं मिल रहे.

हिमाचल और उत्तराखंड सहित कई अन्य राज्यों ने इस मामले को सम्मेलन के दौरान प्रमुखता से उठाया. उन्होंने बताया कि इस मामले के कई मंत्रालयों से जुड़ा होने के चलते समय लग रहा है. अब प्रस्ताव तैयार हो चुका है. जल्द इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा. उर्जा राज्य मंत्री ने पण विद्युत परियोजनाओं के लिए ऋणों को चूकाने के लिए निर्धारित समय अवधि को भी बदलने की जरुरत है. जिससे बैंक से लिए लोन को चुकाने का दबाव उदमियों पर नकरातमक बोझ डाले. इसके लिए लिए ऋणों को चुकाने के लिए के लिए सरकार जल्द ही निति में बदलाव करेगी.

ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बताया कि वर्तमान में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट लगाने वाले उत्पादकों को 15 साल के भीतर बैंक ऋण चुकाना पड़ता है, इसका असर ये है कि इसके कारण बिजली महंगी बेचनी पड़ रही है. ऋण चुकाने के लिए केंद्र अधिक समय देने पर विचार कर रही है. उर्जा मंत्री ने कहा की हिमाचल सरकार ने इस दिशा में एक नई फल शुरू की है और केंद्र हिमाचल की तर्ज़ पर नई हैडल पॉलिसी में बदलाव लेन पर विचार करेगी.

हिमाचल सरकार ने पण विद्युत परियोजनों में निवेशकों की घटी रूचि और इसके घटे का कारोबार साबित होने के चलते पहले 12 साल तक बिजली उत्पादकों से मुफ्त बिजली नहीं लेने का फैसला लिया है, ऐसा ही प्रावधान केंद्र सरकार भी हाइड्रो पावर पॉलिसी में करेगी. उर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि इसे 6 से 10 साल तक करने पर भी विचार किया जाएगा, जबकि पर्यावरण मंजूरियां लेने की प्रक्रिया भी सरल की जाएगी. आर के सिंह ने उम्मीद जताई कि इन  सभी प्रयासों से हाइड्रो पावर पॉलिसी से बिजली सस्ती होगी और ज्यादा निवेशक हाईडल सेक्टर की तरफ आकर्षित होंगे.

अब बार-बार लगने वाले बिजली के कट से जल्द छुटकारा मिलेगा. देश के हर घर तक बिजली पहुचने का बाद अब केंद्र सरकार बिना कट के बिजली  मुहैया करवाएगी. केंद्र सरकार ने 31 मार्च, 2019 निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. शिमला के कुफरी में आयोजित राज्यों और  केन्द्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने कहा कि ऊर्जा मुख्य है जो प्रदेश व राष्ट्र की समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है. उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार 31 मार्च, 2019 तक देश के सभी घरों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है. उन्होंने कहा कि यह कठिन कार्य है और सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति व लगन से निर्धारित लक्ष्य को समयावधि में पूरा करने के प्रयास किए जा रहे है.

आरके सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार विद्युत क्षेत्र में आवश्यक सुधार करेगी ताकि राज्य के दूर-दराज क्षेत्रों में विद्युत कनैक्शन प्रदान किए जा सकें. केन्द्र सरकार ट्रांसफार्मर, एलटी, एचटी लाईनों तथा उपकेन्द्रों इत्यादि के लिए भी सहायता प्रदान कर रही है. आगामी तीन वर्षों के भीतर प्रीपेड शुल्क सुविधा वाले स्मार्ट मीटर उपलब्ध करवाए जाएंगे, जिस पर मानव श्रम शक्ति की आवश्यकता नहीं इससे न केवल उपभोक्ताओं को बेहतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी बल्कि विद्युत नुकसान भी कम किया जा सकेगा.

अरूणाचल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री टामियो टागा, हरियाणा के ऊर्जा मंत्री कृष्ण लाल पवार, झारखंड के ऊर्जा मंत्री सीपी सिंह, केरल के ऊर्जा मंत्री एम.एम. मनी, उड़ीसा के ऊर्जा मंत्री सुशान्त सिंह, पश्चिम बंगाल के ऊर्जा मंत्री शोभन देव चटोपाध्याय, दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येन्द्र कुमार जैन, हिमाचल के ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा, भारत सरकार के नव एवं नवीकरण ऊर्जा सचिव आनन्द कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा तरूण कपूर, एसजेबीएनएल के प्रबन्ध निदेशक नन्द लाल शर्मा भी मौजूद थे.