चंबा: किसानों को टमाटर की फसल के नहीं मिल रहे उचित दाम

ख़बरें अभी तक। चंबा जिला में यूं तो बेराजगारी बहुत ज्यादा है क्योंकि चम्बा जिला एक पहाड़ी क्षेत्र है और यहां पर्यटन नगरी के अलावा कोई भी रोजगार नहीं है फिर यहां के किसान लोग अपनी जमीनों में खेती बाड़ी करके अपना घर परिवार चलाते है जब किसान लोग कोई फसल लगाते है तो भगवान के सहारे लगाते है वह कभी ऐसा नहीं सोचते की हमारी कैसी होगी हमें अच्छा दाम मिलेगा या नहीं, जब फसल तैयार हो जाती है तो उनके मन में एक आस हो जाती है कि हमने इतनी मेहनत की और फसल तैयार की कई बार बारिश समय पर न होने से फसल बर्बाद हो जाती है.

तो कई बार बारिश समय रहते हो जाए तो फसलें अच्छी निकलती है जब फसलें तैयार होती है तो बागवान लोग बड़े खुश होते है कि कुछ दिन घर परिवार का खर्चा अच्छे से चलेगा परन्तु जब बागवान लोग अपनी फसल को मंडियों में ले जाते है तो उन्हें उतना मुनाफा नहीं होता जितनी वह मेहनत करते है कैंथली गांव में बागवानों ने टमाटर की फसल तो जैसे तैसे करके तैयार कर ली परन्तु बागवानों को मंडियों में नहीं मिल रहा है जिस से किसान परेशान है.

वहीं दूसरी और भगवान मनोज कुमार का कहना है कि हमने टमाटर की फसल लगाई थी और बारिश ना होने के कारण भी हमने जैसे तैसे करके टमाटर की फसल लगाई और फसल तैयार भी हो गई है टमाटर की फसल के लिए बहुत ज्यादा मेहनत लगती है जैसे निराई-गुड़ाई और खाद और कई कीटनाशक दवाइयां डालनी पड़ती है ताकि जो टमाटर की फसल है वह बर्बाद ना हो जाए.

परंतु हमारे टमाटर ₹300 की रेट के हिसाब से जा रहे हैं हमारी मेहनत देखकर ऐसा लगता है कि यह तो हमारी मेहनत का ही रेट है पहले हमें बीज बहुत महंगे मिलते हैं फिर हम लोग इतनी ज्यादा मेहनत करते हैं हम चाहते हैं कि मंडियों में टमाटर कि हमें ज्यादा दाम मिले जितनी हम लोग मेहनत करते हैं क्योंकि हम बागवान लोग हैं फसल लगाकर खेती-बाड़ी कर कर अपना पालन पोषण करते हैं और परिवार को भी चलाते हैं जब इतनी मेहनत करने के बाद उचित दाम ही नहीं मिले तो उस खेती करने का क्या फायदा.