नाबालिक से मामा और नाना ने किया दुष्कर्म, पुलिस नहींं कर रही मामले की जांच

ख़बरें अभी तक। महिलाओं और खासकर नाबालिगों पर हो रहे यौन उत्पीड़न के अपराधों में जारी किये गए प्रदेश सरकार के आदेशों की जिले में खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है आज भी पीड़ितों को इन्साफ पाने के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है,हालात ये है कि थानों में गैंगरेप जैसे जघन्य अपराधों की भी एफआईआर तक नहीं दर्ज हो रही है ऐसा ही एक मामला बहराइच के कोतवाली देहात इलाके से सामने आया है जहां रिश्ते के नाना और मामा पर 14 वर्षीय लड़की के साथ गैंगरेप करने का आरोप लगा है, इसी मामले में पीड़ित नाबालिग की मां अपनी बेटी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट लिखाने के लिए हर चौखट पर नाक रगड़ रही है लेकिन आज तक उसकी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई. आरोपी लगातार परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं यहां तक की कई बार मारने की कोशिश भी कर चुके हैं उसके बावजूद रेप के आरोपी खुलेआम घूम चुस्त पुलिस को मुह चिढ़ा रहे है.

प्रदेश के डीजीपी ओ पी सिंह के सख्त आदेश है की किसी भी रेप की तहरीर पर पहले मुकदमा दर्ज कर 24 घंटे के भीतर मेडिकल परिक्षण करवा लिया जाए, लेकिन लगता है डीजीपी साहब के आदेश बहराइच की कोतवाली देहात पुलिस के लिए कोई मायने नहीं रखते तभी तो हफ्ता भर पहले हुए गैंगरेप मामले में मेडिकल तो दूर आजतक मामला दर्ज करना तक मुनासिब नहीं समझा गया. जानकारी के मुताबिक कोतवाली देहात इलाके के अर्जुना हुसैनपुर निवासी 14 वर्षीय नाबालिग उत्तमनगर चौराहे पर अपने ननिहाल ईद मनाने गई हुई थी. आरोप है की बीती 20 जून को पीड़िता जब नानी के घर में कपड़े धो रही थी की उसी समय आरोपी जमाल और युनुस जो की पीड़िता के रिश्ते में नाना और मामा लगते हैं आ गए और जबरन उसे उठा ले गए.

आरोपियों ने खेतों में लेजाकर नाबालिग के साथ गैंगरेप किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी. आरोप है की पीड़िता को 5 दिन तक बंधक बनाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. 5 दिन के बाद जब बच्ची 25 जून को अपने घर पहुंची और मां को अपनी आपबीती सुनाई तो मां इसकी लिखित शिकायत कोतवाली देहात पुलिस को सौंपी.

पीड़ितों का आरोप है की मामले पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो मां ने अपनी बेटी के साथ जिले के कप्तान और जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई लेकिन सिर्फ निराशा ही हाथ लगी. आज जब पीड़िता अपनी मां के साथ जिलाधिकारी से दुबारा फ़रियाद करने जा रही थी कि नानपारा बस स्टैंड के पास लगभग 10 से 12 लोग जिनमे आरोपी भी शामिल थे मां बेटी को मारने की कोशिश की जिस पर दोनों ने पास में ही मौजूद एक दरगाह में घुस अपनी जान बचाई.

इस पुरे मामले पर पुलिस की उदासीनता साफ़ दिखाई दे रही है. पुलिस बिना किसी जांच के इस मामले को फ़र्ज़ी मान के बैठी हुई है और इसी वजह से आजतक पीड़िता का मेडिकल परिक्षण तक नहीं करवाया गया है. हालात ये है की पीड़ित मां बेटी दबंगों के डर से घर जाने से भी कतरा रही है और शहर में एक जगह पर शरण ली है. ऐसे में सवाल उठता है की आखिर कैसे महिला अपराधों पर अंकुश लगेगा जब ऐसी उदासीनता सामने आ रही है.