अपने ही सरकारी विभाग लगा रहे सरकार को चूना

ख़बरें अभी तक। अंबाला: कहते हैं कि जब बाड़ ही खेत को खाने लग जाए तो तबाही निश्चित है. गुड गवर्नेंस और जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली भाजपा सरकार की नाक नीचे ही सरकारी महकमे अपनी ही सरकार को चूना लगा रहे है. जी हां, आपने बिलकुल ठीक सुना है, ऐसा ही एक मामला सामने आया है अम्बाला कैंट से जहां बिजली का बिल न भरने पर पटवार खाने की बिजली का कनेक्शन काट दिया गया है. विभाग पर चार सालों का 64 हजार 4 सौ 45 रुपयों का बिल बकाया है. कनेक्शन कटने के बाद पटवारी गर्मी में बरामदे में बैठकर अपना काम निपटाने को मजबूर है. इस प्रकरण के बाद सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है.

तस्वीरों में दिखाई दे रही ये कंडम सी बिल्डिंग अम्बाला कैंट के बिहारी लाल अहाते में चल रहे पटवार खाने की है. बिजली के मीटर से अलग होकर लटक रही ये तारें सरकारी सिस्टम की लापरवाही को बयां कर रही है. खुले बरामदे में बैठकर अपना काम निपटा रहे ये सरकारी बाबू राजस्व विभाग के पटवारी हैं जिनके पास जमीनों से जुड़े एक एक इंच का बही खाता है। परंतु आजकल इनकी हालत पतली है हो भी क्यों न चिलचिलाती गर्मी में बिजली निगम ने इन्हें जोर का ऐसा झटका दिया जिसने इनकी बत्ती गुल कर दी है.

इस पटवार खाने पर पिछले चार साल का 64 हजार 4 सौ 45 रुपए का बिजली का बिल बकाया है जिसे न भरने की कीमत यहां के कर्मचारियों को गर्मी में तड़प कर चुकानी पड़ रही है. गर्मी इतनी कि यहां चंद मिनटों में ही कोई भी पसीने से तर हो जाए. सरकारी सिस्टम से जकड़े पटवारी खुलकर कुछ भी कहने से बच रहे है. परन्तु बिजली आने की चाहत भी रखते है, बताया जाता है कि इस पटवार खाने मे 9 पटवारी बैठते है, यदि सरकार की ओर से बिल भरने में आनाकानी हुई तो इन बेचारे पटवारियों को शायद अपनी जेब और तनख्वाह से बिल भरकर ही बिजली का कनेक्शन जुड़वाना पड़ेगा. फिलहाल यहां हालात काफी बदतर है.

बिजली कट जाने की वजह से पटवार खाने में आने वाले लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि बिजली न होने  की वजह से यहां बिल्डिंग में अंधेरा है और गर्मी की वजह से पटवारी भी काम नहीं कर पा रहे है. उधर आसमान से आग बरस रही है और यहां बिजली काट दी गई है. सरकार इस पर तुरन्त संज्ञान ले.

जब हम पटवार खाने की बिजली का कनेक्शन काटे जाने का सबब जानने के लिए बिजली निगम के दफ्तर पहुंचे तो वहां जो कुछ हमने सुना वो सुनकर हमारे पांव तले से जमीन खिसक गई. बिजली निगम के एसडीओ प्रियंक जांगड़ा ने बताया कि इस पटवार खाने का बिजली का मीटर नायब तहसीलदार के नाम पर अलाट है. पिछले चार सालों से पटवार खाने का बिल ही नहीं भरा गया. 64 हजार 4 सौ 45 रुपये का  बिल न भरने की वजह से वहां का बिजली का कनेक्शन काट दिया गया है. इसी बहाने एसडीओ ने लगे हाथ लोगों से समय पर अपना बिल भरने की अपील भी कर डाली.

हाल ही में अम्बाला में नायब तहसीलदार के पद पर जॉइन करने वाले हवा सिंह को पटवार खाने का बिल न भरने और बिजली कट जाने के मामले से हमारी टीम ने ही अवगत करवाया।  नायब तहसीलदार ने कहा कि उन्होंने अभी अम्बाला में जॉइन किया है और ये मामला उनके संज्ञान में नहीं था. ये पूरा मामला अधिकारियों के संज्ञान में देकर बिजली का बिल भरवाकर बिजली व्यवस्था सुचारू करवाई जाएगी। ये देखना होगा कि ये मीटर सरकारी है या प्राइवेट है. ये भी पता करवाया जाएगा कि आखिर चार सालों से बिजली का बिल क्यों नहीं भरा गया.

सरकारी महकमे द्वारा चार साल से बिल न भरे जाने की खबर मिलने के बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है, महिला कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता वेणु अग्रवाल ने कहा कि जीरो टॉलरेंस और गुड गवर्नेंस की बात करने वाली भाजपा सरकार के राज में बिलकुल उल्टा हो रहा है. भ्र्ष्टाचार के प्रति हंड्रेड परसेंट टॉलरेंस है और काम के मामले जीरो परसेंट गवर्नेंस है. सरकार का अपने ही महकमों पर कोई कंट्रोल नहीं है.