बरवाला खंड के गांव बुगाना में 28 वर्ष से बंद पड़ा रेलवे स्टेशन खुलने की जगी आस

खबरें अभी तक। फिर से इस रेलवे स्टेशन के खुलने की जगी आस। बरवाला खंड के गांव बुगाना में 28 वर्ष पहले रेलवे स्टेशन हुआ करता था। वहां के आसपास के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीण यहां से अपने सफर की शुरुआत करते थे, लेकिन रेलवे स्टेशन को 1990 में बंद कर दिया गया। ग्रामीणों ने साल भर पहले हिसार लोकसभा के सांसद दुष्यंत चौटाला के समक्ष मांग रखी थी कि उनके यहां रेलवे स्टेशन जो काफी वर्षो से बंद पड़ा है उसे खुलवाया जाए ताकि आसपास के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों को इसका फायदा मिले।

ग्रामीणों की मांग पर सांसद दुष्यंत चौटाला ने रेलवे के बड़े अधिकारी को बुगाना में रेलवे स्टेशन को फिर से खोलने को लेकर एक चिट्ठी लिखी गई थी। इसके बाद रेलवे की तरफ से ग्राम पंचायत के पास एक पत्र आया है। इसमें पंचायत से बंद पड़े रेलवे स्टेशन को खोलने के संबंध में आपको कुछ बिंदुओं पर काम करना है। मुख्य रुप से खर्च होने वाली राशि पंचायत को वहन करने को कहा गया है।

रेलवे स्टेशन के बंद होने का प्रमुख कारण यह था की लोगो के लिए आने जाने का रास्ता भी उपलब्ध नहीं था जिसके कारण लोगों को दिक्कत होती थी। वहीं सुनसान एरिया होने की वजह से भी लोग आने जाने से कतराते थे। ग्रामीणों के मुताबिक इसी के चलते रेलवे विभाग द्वारा स्टेशन को बंद कर दिया गया था।

गांव बुगाना सरपंच के प्रयासों से स्टेशन दोबारा खुलने की आस जगी है ग्रामीण प्रतिभा विकास मनजीत रवदर ओम प्रकाश दिलबाग ने कहा कि वर्तमान सरपंच के प्रयासों से ही दोबारा रेलवे स्टेशन खुलने की उम्मीद जगी है उन्होंने कहा कि गांव का युवा जागरुक सरपंच होने के चलते उनके द्वारा की गई अगुवाई से ही संभव हो पा रहा है। रेलवे की तरफ से पंचायत को पत्र भेजा गया है।