दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग से लड़ने के लिए अरविंद केजरीवाल लाये ये हथियार

खबरें अभी तक। प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनी हुई है जिसका इलाज बेहद महत्वपूर्ण हो गया है.दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग से निपटने के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार ने एंटी स्मॉग गन का ट्रायल शुरू कर दिया है. दिल्ली सेक्रेटेरियट के बाद बुधवार को राजधानी के आनंद विहार बस अड्डे पर इस गन की टेस्टिंग की गई. गन हवा में 50 मीटर ऊपर तक पानी के छोटे-छोटे कणों की बौछार कर पॉल्यूशन कम करेगी. एक मशीन की कीमत करीब 20 लाख रुपए है. बता दें कि सीवियर स्मॉग के वक्त चीन में इसी गन का इस्तेमाल किया जाता है. भारत में अपनी तरह का यह पहला प्रयोग है.

दिल्ली में दूसरी बार एंट्री स्मॉग गन की टेस्टिंग-

– केजरीवाल सरकार जहरीले स्मॉग से निपटने और एयर क्वालिटी सुधारने की कोशिश कर रही है. राजधानी में दूसरी बार एंटी स्मॉग गन की टेस्टिंग की गई. इस दौरान बुधवार को इसे एक पानी की टंकी से जोड़ा गया.

– सोमवार को भी दिल्ली सेक्रेटेरियट में स्मॉग गन का टेस्ट हुआ था. इस दौरान डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के साथ कई आला अफसर मौजूद थे. इसके बाद पर्यावरण सचिव अनिल सिंह ने एलजी अनिल बैजल को ट्रायल की जानकारी दी.

कैसे पॉल्यूशन कम करती है मशीन?

– एंटी स्मॉग गन स्प्रिंक्लर की तरह बेहद तेज रफ्तार से 50 मीटर की ऊंचाई तक हवा में पानी के छोटे कणों की बौछार करती है. जिससे हवा में मौजूद पॉल्यूटेंट (PM 2.5 और PM 10) नमी के साथ जमीन पर बैठ जाते हैं.

दिल्ली में पॉल्यूशन का क्या लेवल है?

– पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, बुधवार को आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 414 रिकॉर्ड किया गया. पॉल्यूशन का यह लेवल खतरनाक माना जाता है.

चीन भी यही टेक्नोलॉजी करता है इस्तेमाल-

– पॉल्यूशन से निपटने के लिए चीन में एंट्री स्मॉग गन का इस्तेमाल काफी पहले से हो रहा है. कुछ महीने पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की विजिट से पहले जब बीजिंग शहर स्मॉग के आगोश में था. तब इसी गन के सहारे चीन अपने देश में मिटाता है प्रदूषण.