नवजात शिशु को फेंकने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए शुरु की गई पालना स्वागत योजना

ख़बरें अभी तक। समाज में नवजात शिशु को फेंकने की घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु केंद्र सरकार द्वारा पालना स्वागत योजना शुरू की गई. जिसके तहत अब ऐसे बच्चों को जो लोग बाहर सड़क के किनारे कूड़ों में नवजात शिशु को रख दिया करते थे और किसी के नज़र पड़ने तक वह बच्चा या तो बीमार हो जाता था या फिर जानवरों का शिकार हो जाता था पर अब ऐसा नहीं होगा.

लोक लाज के कारण ऐसे बच्चों को अब लोग इस पालना केंद्र में छोड़ जाएंगे इसमे बच्चे छोड़ने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा और बच्चे का लालन पालन संस्था द्वारा कराया जाएगा और फिर उसे किसी जरूरत मंद को संस्था द्वारा सभी नियमों के पालन के बाद दे दिया जाएगा.

सड़क के किनारे और कूड़े के ढेर पर अब नहीं फेंका जाएंगे नवजात शिशु क्योंकि वाराणसी के चाइल्ड लाइन केंद्र में पालना स्वागत केंद्र का शुभारंभ SP प्रोटोकॉल विकास कुमार वैद्य द्वारा किया गया किया गया इस पालना स्वागत केंद्र का मेन मकसद यह है की जो लोग लोक लाज की भय से अपने नवजात शिशु को सड़क किनारे या घोड़े पर फेंक देते थे अब ऐसे लोग अपने बच्चों को इस पालना के दिल में छोड़ जाएंगे छोड़ने के दौरान ऐसे लोगों की पहचान को गोपनीय रखा जाएगा.

इस्पात केंद्र की सबसे खराब आदमी है यहां से 22 लोगों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी और ड्यूटी के दौरान आने वाले बच्चों की पूरी जानकारी रखी जाएगी ताकि भविष्य में बच्चे छोड़ने वाले लोग अगर अपना बच्चा वापस करना चाहे तो वह यहां आकर बच्चा छोड़ने की तिथि समय दिन बता कर, यहां अपना बच्चा वापस लेने की अपील भी कर सकते हैं सतुति के बाद संस्था द्वारा बच्चा वापस करने की प्रक्रिया पर भी विचार किया जा सकता है जिसमें अधिकारियों की रजामंदी का होना आवश्यक होगा.