स्वच्छ भारत मिशन कर्मियों का भुखमरी व उत्पीड़न के विरुद्ध हंगामा

ख़बरें अभी तक। भारत सरकार की पूरे देश को खुले में शौचमुक्त बनाने की योजना है इसी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छताग्राही, विकास खंड पर खंड प्रेरक व जिला स्तर पर समन्वयक की संविदा पर नियुक्ति की गई है इन कर्मियों को शौचालय संबधित सारे कार्य देखने पड़ते है.

इन कर्मियों का आरोप है कि विगत चार माह से उन्हें वेतन नहीं मिला है व 12 से 13 घंटे काम कराया जाता है साथ ही कम समय में ढेरों काम सौंप दिए जाते हैं व कभी भी रविवार यहां तक सरकारी अवकाश तक में छुट्टी नहीं दी जाती है व थोड़ी सी भी कमी रह जाने पर अधिकारी अभद्र भाषा का प्रयोग करते है.

इन उत्पीड़नों से तंग आकर इन संविदाकर्मियों ने देर रात जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) अनिल कुमार सिंह के कार्यालय के बाहर हंगामा कर दिया वह घंटों नारेबाजी कर वेतन देने की गुहार करते रहे पर अधिकारी की कान में जूं तक नहीं रेंगी और वह अपने केबिन में बैठे रहे पर मीडियाकर्मियों के आने की भनक लगने पर DPRO अपनी गाड़ी में बैठ कर चलते बने व भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके संविदा कर्मी चिल्लाते रह गए.

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के जिला समन्वयक अजीत कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उनसे 12 से 13 घंटे काम लिया जाता है व रविवार तथा सरकारी अवकाशों में भी छुट्टी नहीं दी जाती है चार माह से वेतन न मिलने के कारण वह भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके है, वहीं अधिकारी कम समय में अधिक काम का बोझ डालते है व जरा सी कमी होने पर अभद्र भाषा का भी प्रयोग करते है.