6 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी, गले पर मिले तेज़दार हथियार के निशान

खबरें अभी तक। चाहे जितने मर्जी कड़े कानून बना दिए जाएं. सियासी मंचों से ‘बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ’ के चाहे कितने भी नारे दिए जा रहें हो. लेकिन हरियाणा में बच्चियों की सुरक्षा को लेकर ज़मीनी हकीकत का चेहरा इतना खौफनाक हो चुका हैं. कि उसके आगे शैतान भी छोटा पड़ता नज़र आ रहा हैं. जी हां. ताजा वाक्या यमुनानगर के बेलगढ़ इलाकें में स्थित पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के घोड़ा-फार्म का हैं जहां एक छह साल की मासूम ने अभी जिंदगी को ठीक से समझा भी नहीं था, कि उसपर इंसान की शक्ल में किसी दरिदें की काली नज़र पड़ गई.

इस बच्ची खुशी के साथ एक या एक से अधिक लोगों द्वारा दुष्कर्म करने के सारे सबूत मौका-ए-वारदात पर मौजूद हैं. दूर बिखरे खुशी के कपड़े, छाता और चप्पलें खुद गवाही दे रहें हैं. कि बच्ची ने दरिंदों के पंजों से छूटने के लिए कितना संघर्ष किया होगा. मासूम बच्ची कितना चीखी होगी ?   किताना छट-पटाई होगी ? लेकिन न तो उसपर दरिंदों को दया आई और न ही इलाका सुन-सान होने की वजह से उसकी चीख-पुकार किसी के कानों तक पहुंच पाई.

जानकारी के मुताबिक बच्ची के पिता निर्मल सिंह के फार्म पर ही काम करते हैं, और वारदात के दिन यानी शनिवार को खुशी के पिता यमुनानदी पर गए हुए थे, बताया जा रहा हैं कि बच्ची अपने पिता को छाता देने यमुनानदी पर जा रही थी। जिसे फार्म के चौंकीदार ने रोका भी, लेकिन फिर भी बच्ची अपने पिता को धूप से बचाने के लिए छतरी देने जाना चाह रही थी।

उसके बाद बच्ची को किसी ने नहीं देखा और जब शनिवार देर शाम तक बच्ची का कोई अता-पता नहीं मिला तो परिजनों ने उसे ढूंढना शुरू कर दिया. रविवार को बच्ची का शव फार्म हाउस के ही एक सुन-सान इलाकें में बुरी हालत में मिला। खुशी की गर्दन किसी तेज धार हथियार से काटी गई थी, जिसकी जांच के लिए सीन-ऑफ क्राईम की टीम ने भी मौके से कई नमूने एकत्रित किए.

इस घटना के बाद से इलाके में क्या माहौल होगा . आप अंदाज़ा लगा सकते हैं. लेकिन सवाल यही है कि बच्चियों की सुरक्षा को लेकर जो तमाम दावे किए जाते हैं . उनमें कितना दम है.. ऐसे तो सरकार के उस नए कानून का भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा जिसके तहत नाबालिग के साथ दुष्कर्म के दोषी को फांसी की सज़ा का ऐलान है.