बी.डी.ओ. पर लगाया जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कार्यालय से भगाने का आरोप

खबरें अभी तक। चंदौली जनपद के शहाबगंज विकासखंड परिसर में सोमवार को भुसीकृतपुरवा गांव के महिला व पुरुषों ने शासन द्वारा प्रदत्त आवास व शौचालयों के आवंटन में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के द्वारा प्रति लाभार्थी 50-50 हज़ार रुपये लेकर आवास आवंटित करने का आरोप लगाते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने की मांग को लेकर विकास खंड परिसर में क्रमिक अनशन पर बैठ गए। उनका कहना था कि बी.डी.ओ. से शिकायत करने जब वे उनके कार्यालय में पहुंचे तो ग्रामीणों की समस्या सुनने के बजाए वे ग्रामीणों पर ही भड़क गए । खंड विकास अधिकारी श्री धर्मजीत सिंह का पारा इतना गरम हो गया कि उनके द्वारा अपनी फरियाद लेकर पहुंचे ग्रामीणों को कार्यालय से धक्का देकर भगा दिया गया।

इतने पर भी उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ तो बी.डी.ओ. साहब ग्रामीणों को जाति सूचक शब्दों से भी नवाज़ डाले। चंद्रमा प्रसाद के नेतृत्व में अनशन कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि उच्चाधिकारियों से भी शिकायत की गई लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई। मजबूर होकर न्याय पाने की आस में हमें अनशन पर बैठना पड़ा।

एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार जहां भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने का दावा कर रही है। वहीं ग्रामीणों के इस आरोप ने सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने के दावे की कलई खोल दी है। उनके इस आरोप ने अधिकारियों के निरंकुश होने का प्रमाण दे दिया है। क्या अधिकारियों में शासन प्रशासन का खौफ बिल्कुल नहीं रह गया है। ऐसा है तो फिर न्याय के लिए आम जनता जाए तो कहां जाए।