धनखड़ के बयान पर सांसद दीपेंद्र हुड्डा का पलटवार

ख़बरें अभी तक। झज्जर : कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश के पशुपालन मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें एक दिन पूर्व ही धनखड़ ने हुड्डा के जनक्रांति रथ यात्रा के पहिए में पंचर होने की बात कही थी. दीपेंद्र ने कहा कि हुड्डा साहब का यह रथ भाजपा नेताओं को अब सपने में भी दिखाई देता है. जब रूके हुए रथ से भाजपा नेता इतने भयभीत है तो जब रथ का पहिया चलेगा उस समय इन नेताओं को क्या हश्र होगा. इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. दीपेन्द्र हुड्डा सोमवार को झज्जर जिला मुख्यालय पर स्थित एक पार्टी कार्यकर्ता सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम हुड्डा की जनक्रांति रथयात्रा की तैयारियों का जायजा लेने आए सांसद हुड्डा ने कहा कि हुड्डा साहब की रथयात्रा में उमडऩे वाली भीड़ में प्रदेश में बदलाव का संकेत है और इसी से भाजपा नेता भयभीत है.

प्रीती गार्डन में खचाखच भरे मैदान पर कार्यकर्ताओं की हाजरी से गदगद हुए सांसद हुड्डा ने इस मौके पर स्वामीनाथन आयोग की रिर्पोट के लागू होने के बारे में भी जिक्र करना नहीं भूले. उन्होंने कहा कि कितनी हद की बात है कि चार साल पहले तो अपने आपको किसान नेता कह कर उनके हित में अद्ध नग्न प्रदर्शन करने वाले भाजपा नेता अब रिर्पोट लागू न होने का जवाब देने की बजाय अपनी बातों से ही पलटते नजर आ रहे है और स्वामीनाथन रिर्पोट पर चुप्पी साधे हुए है.

उन्होंने इस मौके पर हरियाणा में खिलाड़ियों के सम्मान में भी हो रही राजनीति पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि प्रदेश के खिलाडिय़ों का सम्मान न होना प्रदेश व देश दोनों का अपमान है. कारण है कि कॉमनवेल्थ व अन्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीते गए 39 मैडल में से 22 मैडल

अकेले हरियाणा ने जीते है, लेकिन फिर भी सरकार खिलाड़ियों का सम्मान करने की बजाय अपने अहम में डूबी है. सांसद ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अच्छे दिन के नाम पर भाजपा सरकार ने देश प्रदेश के लोगों को महंगे डीजल के दाम का तोहफा दिया है जिसने किसान समेत आम आदमी की कमर तोड़ने का काम किया है. उन्होंने भाजपा सरकार के केन्द्रीय मंत्री के बयान को हकीकत खोलने वाला बताते हुए कहा कि समाज के हर वर्ग में त्राहि त्राहि मची है, लोग बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिये तरस रहे हैं, किसान को ट्रेक्टर, खाद और कीटनाशक खरीद पर जीएसटी की मार झेलनी पड़ रही है.