बाराबंकी में तीसरी आंख ने खोली पुलिस की पोल

खबरें अभी तक। बाराबंकी में तीसरी आंख ने बीती 21 मई को दिनदहाड़े हुई लूट की सनसनीखेज घटना के पुलिसिया खुलासे की पोल पट्टी खोल कर रख दी । दरअसल बाराबंकी पुलिस ने 26 मई की रात नगर कोतवाली इलाके के गादिया गांव के पास हुई मुठभेड़ में 3 बदमाशों को पकड़ने का दावा किया और पकड़े गए बदमाशो के पास से 2 तमन्चे और 3 कारतूस बरामदगी दिखाते हुए उन्हें  नगर कोतवाली के सुभाष नगर मोहल्ले में दिन दहाड़े हुई लूट का आरोपी करार दे डाला ।

पुलिस ने तो यहां तक दावा कर डाला युवको ने अपने पास मौजूद अवैध तमंचों से पुलिस पार्टी पर फायर भी झोंके।  लेकिन युवको के परिजनों की माने तो इरफान नाम के युवक को बाराबंकी पुलिस  23 मई की रात पूछताछ के बहाने घर से बुला ले गयी थी उसके अगले ही दिन 25 मई की रात 1 बजकर 13 मिनट पर पूछताछ के बहाने ही पुलिस  मोना नाम के युवक को उसके घर से बुला कर ले गयी और साजिद नाम के एक अन्य युवक को भी पूछताछ के बहाने ही उसके घर से बुलाया गया था। परिजनों के इस दावे पर जब खबरें अभी तक की टीम ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली तो परिजनों के आरोप सच साबित हुए ।

बाराबंकी  पुलिस के मुखिया बेशर्मी के साथ  मोना नाम के जिस युवक को 26 मई की रात 2 बजकर 30 मिनट पर गादिया गांव के पास जिन्द बाबा की मजार नहर पुलिया पर हुई मुठभेड़ में 12 बोर के अवैध तमन्चे और दो जिंदा कारतूसों के साथ पकड़ने का दावा कर रहे है वो मोहल्ले में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में 25 मई की रात 1 बजकर 13 मिनट पर 9 पुलिसकर्मियों से घिरा आता नज़र आ रहा है । उससे ठीक पहले 1 बजकर 5 मिनट पर उसी गली में 9 पुलिस वाले मोना के घर की तरफ जाते नज़र आते है फिर ठीक 1 बजकर 13 मिनट पर मोना नाम का ये युवक उन 9 पुलिसकर्मियों से घिरा हुआ आता नज़र आ रहा है और उसके साथ मे कोई भी असल्हा नज़र नही आ रहा।

मतलब साफ है बदमाशो के साथ मुठभेड़ की पुलिसिया कहानी परियों की कहानी की तरह ही काल्पनिक और मनगढन्त है ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि जिस नगर कोतवाल जन्मेजय सचान ने इस फर्ज़ी मुठभेड़ की स्क्रिप्ट तैयार की है वो पहले भी मोहम्मदपुर खाला इलाके में हुई फर्ज़ी मुठभेड़ का मास्टरमाइंड रह चुका है और उस फर्ज़ी मुठभेड़ की जांच भी चल रही है अब देखने वाली बात ये होगी कि बाराबंकी पुलिस के कप्तान वीपी श्रीवास्तव इस प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए मामले की निष्पक्ष विवेचना के आदेश जारी करते है या इस बार भी तय तोड़  कानून के सहारे ही मामले को रफा दफा कराने में जुट जायेंगे  ।