16 प्रतिशत अनुसूचित जाति के वोट बैंक पर किसकी नजर

खबरें अभी तक। हरियाणा में चुनाव नजदीक आ गए हैं और पार्टियों का गठबंधन भी दूसरी पार्टियों के साथ शुरू हो गया है. हर एक राजनीतिक पार्टी चाहती है कि वह सत्ता में आने के लिए हर प्रकार का प्रयास करें जहां इंडियन नेशनल लोकदल बसपा के साथ गठबंधन कर दलित वोट बैंक पर अपनी निगाहें गड़ाए हुए हैं. वहीं दलित वोट बैंक को पाने के लिए भाजपा भी दलितों के घर खाना खाने, रात ठहरने जैसे विषयों पर काम करने में जुटी है.

हरियाणा में दलित वोट बैंक किसके हाथ लगे यह तो वक्त ही तय करेगा, लेकिन राजनीतिक पार्टियां दलित वोट हथियाने के लिए कोई भी पैंतरा छोड़ना नहीं चाहती है. राजनीतिक दलों में इंडियन नेशनल लोकदल ने दलित वोट बैंक हासिल करने के लिए बहुजन समाज पार्टी से हाथ मिलाया, इतना ही नहीं उनके प्रवक्ता कहते हैं कि यह गठबंधन विचारधाराओं का गठबंधन है और दलित समाज समझता है कि वोट इनेलो और बसपा को ही देनी है. इनेलो तो यह भी कहती है की भाजपा का हरियाणा में कोई अस्तित्व ही नहीं था और उसे हरियाणा में किसी और ने नहीं बल्कि देवी लाल ने खड़ा किया है.

उनका यह भी मानना है कि किसी भी पार्टी ने दलितों के लिए कुछ भी नहीं किया, वह साफ तौर पर मानते हैं कि आज भाजपा के लोग अगर दलितों के घर जाकर खाना खा रहे हैं तो वह केवल छल है और कुछ नहीं,  उनका कहना है कि दलित समाज का कोई उत्थान कर सकता है तो केवल मायावती और इंडियन नेशनल लोकदल.

सत्ताधारी पार्टी भाजपा को पता है कि वोट सोशल इंजीनियरिंग के सहारे ही मिल सकते हैं इसलिए वह कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती. यही कारण है कि उनको पता है कि दलित वोट बैंक सत्ता की सीढ़ी चढ़ने का एक बड़ा शॉर्टकट कारण होता है. वह यह भी मानते हैं कि दलितों को मनाना, रिझाना आसान है हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा के बड़े नेताओं और मंत्रियों को कहा था, कि वह दलितों के घर जाए उनके सुख-दुख को सुनें तथा वहां पर खाना खाए ताकि दलित को लगे भाजपा उनकी हितेषी है. इसी कड़ी में हरियाणा भाजपा के कई विधायक कई मंत्री भी दलितों के घर गए और खाना खाया. विधायक बख्शीश सिंह विर्क का मानना है कि वह दलितों के दर्द को समझते हैं और यही कारण है कि वह इमानदारी के साथ अपने दलित भाइयों के घर खाना खाने गए और उनके दर्द को बांटा उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद इंद्री में एक दलित के घर गए और वहां रहे.

लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मीडिया सलाहकार कुछ और ही सोचते उनका मानना है कि जितना दलितों का उत्थान भाजपा की सरकार में हुआ है उतना किसी भी सरकार में नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि दलितों के उत्थान के लिए कतई भी सरकार किसी काम से गुरेज नहीं करते और अंत्योदय जैसी योजनाएं भी सरकार ने दलितों के उत्थान के लिए ही चलाई है. मीडिया सलाहकार राजीव जैन मानते हैं कि इंडियन नेशनल लोकदल और कांग्रेस ने दलितों के हक और सम्मान को छीना है जिसके वह हमेशा से हकदार रहे हैं.

वहीं वोटों की महिमा राजनेताओं को दलित प्रेम जाति प्रेम और विचारधाराओं की बात याद दिलाती है पर चुनाव खत्म होने के बाद सत्ता के 3 साल शासन के समय शायद गरीबों का उत्थान दलितों का विकास और तमाम समस्याओं पर सोचने का शायद समय नहीं देती तभी तो आजादी कितने साल बाद भी दलित गरीबी पिछड़ा वर्ग आधी समस्याएं ऐसे के ऐसे खड़ी हैं, जबकि ऐसे में समय अब इनको दूर होना चाहिए था क्योंकि आजादी के 70 साल बाद भी आज हम जातिवाद गरीबी और तमाम प्रकार के सांप्रदायिक ताकतों के आगे बेबस नजर आ रहे हैं.