हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित 10वीं और 12वीं के परिणामों में पलवल सबसे पीछे

खबरें अभी तक। हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा घोषित 12वीं कक्षा के परीक्षा परीणामों में पलवल का परिणाम पूरे प्रदेश में सबसे  खराब रहा। वहीं 10 वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में भी पलवल प्रदेश में सबसे पीछे रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारीयों का कहना है कि नकल बंद होने के कारण पलवल के परीक्षा परिणाम ये आए है।

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा के परिणामों पर जिलावार नज़र डालें तो प्रदेश का सबसे नया जिला चरखी दादरी 68.39 प्रतिशत परीक्षा परिणामों के साथ प्रथम नंबर पर रहा तो दूसरे नंबर पर शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा का जिला 63.77 प्रतिशत के साथ प्रदेश भर में द्वितीय स्थान पर रहा। वहीं तीसरे स्थान पर 62.71 प्रतिशत के साथ रेवाड़ी जिला रहा। इसी प्रकार प्रदेश के  खराब परिणाम वाले जिलें की बात करें तो मेवात जिले का परिणाम मात्र 38.6 प्रतिशत रहा।

जबकि सबसे खराब परिणाम पलवल का रहा, जिसका परिणाम 38.5 प्रतिशत रहा। अन्य जिलों का जिक्र करें तो 42.98, भिवानी का परिणाम 52.42, फरीदाबाद का परिणाम 41.29, फतेहाबाद का परिणाम 47.75, गुडग़ांव का परिणाम 45.67, हिसार का परिणाम 54.48, झज्जर का परिणाम 60 फीसदी रहा। वहीं जींद का परिणाम 50.60, करनाल का परिणाम 43.6, कैथल का परिणाम 47.99, कुरूक्षेत्र का परिणाम 47.32, पंचकूला का परिणाम 44.43, पानीपत का परिणाम 51.57, रोहतक का परिणाम 53.36, सिरसा का परिणाम 51.04, सोनीपत का परिणाम 54.73, यमुनानगर का परिणाम 40.72 फीसदी रहा।

पलवल के परीक्षा परिणामों में सबसे खराब परिणाम आने पर शिक्षा विभाग के अधिकारी इसका कारण नकल को रूकना मान रहे है। अधिकारीयों का कहना है कि अबकी बार नकल पूरी तरह से रोक दी गई। जिसके बाद ये परिणाम आए है। इस ब्यान से साफ साबित हो जाता है कि इससे पहले नकल चला करती थी। जिससे इस जिले का परिक्षा परिणाम अच्छा आता था। अब देखना यह होगा कि क्या अच्छे परीक्षा परिणामों के लिए नकल को फिर से शुरू किया जायेगा या फिर नकल बंद रहेगी। वहीं स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापकों का कहना है ‌कि सरकार  द्वारा दूसरे काम अध्यापकों को दे दिए जाते है। जिस कारण वो बच्चों को पढ़ाने में पूरा समय नहीं दे पाते। सरकार को चाहिए कि वो अध्यापकों को दूसरे काम ना दें।