भाजपा नेता रेशमा पटेल को वोटिंग बूथ पर देख कर भड़के पाटीदार

खबरें अभी तक। गुजरात विधानसभा चुनाव (2017) में वोटिंग के लिए जूनागढ़ के स्थानीय मतदान केंद्र पहुंची भाजपा नेता रेशमा पटेल को पाटीदारों के विरोध का सामना करना पड़ा है. इस दौरान पाटीदारों ने उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया. पटेल पिछले दिनों ही पाटीदार आरक्षण आंदोलन के अगुवा हार्दिक पटेल का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हुईं थीं. तब उन्होंने हार्दिक पटेल की छवि पर सवाल उठाए थे. हार्दिक का साथ छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा था, ‘आंदोलन के दौरान मैंने भूख हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था. गिरफ्तारी के बाद भी मैंने कुछ भी खाने से इंकार कर दिया. लेकिन हार्दिक ने पटेल नेतृत्व से मुझे साइडलाइन कर दिया.’ रेशमा के मुताबिक, ‘तब हार्दिक पटेल ने मुझसे पूछा कि सोशल मीडिया पर मुझे अपना मत रखने की आवश्यकता क्या थी? मैं क्यों इतना बोलती हूं?’

गौरतलब है कि रेशमा पटेल, आंदोलन और राजनीति में आने से पहले एक बैंक में जीवन बीमा की एजेंट थीं. रेशमा की मां की हत्या उनके पिता ने साल 2006 में कर दी थी. वर्तमान में रेशमा पटेल पाटीदार आंदोलन की एक महिला नेता (जिन्हें वो दीदी कहकर पुकारती हैं) के साथ अहमदाबाद के एक फ्लैट में रह रही हैं. रेशमा कहती हैं, ‘यही मेरा परिवार है. मेरे आठ साल के दो जुड़वा बच्चे हैं. एक लड़का और एक लड़की है. मैं जानती हूं वर्तमान में बच्चों की देखभाल नहीं कर सकती.’ तब भाजपा में शामिल होने के सवाल पर रेशमा ने कहा था, ‘राहुल गांधी ने हमसे मुलाकात नहीं की. पाटीदार आरक्षण पर उनकी क्या राय है ये जानने के लिए मैंने उन्हें एक पत्र भेजा. लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया.’