हरियाणा सरकार ने दिया दूसरे राज्यों में खेलने वाले खिलाड़ियों को झटका

ख़बरें अभी तक। हरियाणा सरकार की खिलाड़ियों के लिए एक नई घोषणा की गई है जिसमें राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं को पुरानी खेल नीति के अनुसार पुरस्कार राशि जारी की जाएगी, लेकिन दूसरे राज्यों या केंद्रीय एजेंसियों के लिए खेल रहे हरियाणा के खिलाडिय़ों को खेल कोटे से नौकरी नहीं मिलेगी. इसके अलावा स्पोट्रस ग्रेडेशन सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए अफसरों की जवाबदेही तय की गई है. अब ए और बी श्रेणी की नौकरियों के लिए खिलाडिय़ों को खेल निदेशक द्वारा जारी स्पोट्रस ग्रेडेशन सर्टिफिकेट देना भी जरूरी होगा.

हालांकि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में जिला खेल अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाणपत्र मान्य होगा. निर्दशों में साफ है कि जूनियर स्तर के खेल अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाणपत्र नौकरियों में मान्य नहीं होंगे. वहीं स्पोट्रस ग्रेडेशन सर्टिफिकेट का फार्मेट भी निश्चित कर दिया गया है और खेल एवं युवा मामले विभाग के प्रधान सचिव ने इस संबंध में सभी प्रधान सचिवों, विभागाध्यक्ष, हाईकोर्ट और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार, उपायुक्त, एसडीएम और बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं.

वहीं अब खिलाडिय़ों को पहले जहां आउट स्टैंडिंग स्पोट्रस पर्सन की श्रेणी में नौकरियां दी जा रहीं थी, वहीं अब इसका नाम बदल कर एलिजिबल स्पोट्रस पर्सन किया गया है. आदेशों के मुताबिक कोटे के तहत आवेदन करने वाले खिलाड़ी के लिए हरियाणा की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर खेलना अनिवार्य है. सभी श्रेणी की नौकरियों में खिलाड़ी की योग्यता अलग-अलग रखी गई है. ओलंपिक, चार वर्षों में एक बार होने वाली विश्व चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल खेल और एशियन गेम्स में गोल्ड लाने वाले खिलाडिय़ों को सीधे ए श्रेणी की नौकरी मिलेगी. क्वार्टर फाइनल या इससे ऊपर पहुंचने वाले खिलाडिय़ों को ग्रुप-बी की नौकरी दी जाएगी और राष्ट्रमंडल खेलों और एशियन गेम्स में सिल्वर पदक पर ग्रुप बी और कांस्य पदक पर क्लास थ्री की नौकरी मिलेगी.

अंतरराष्ट्रीय विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता को सीधे क्लास-टू की नौकरी और सिल्वर व कांस्य पदक विजेता को क्लास-थ्री की नौकरी दी जाएगी. वहीं विश्व यूनिवर्सिटी गेम के स्वर्ण पदक विजेताओं को क्लास वन सिल्वर व कांस्य पदक विजेता को ग्रुप-बी और क्वार्टर फाइनल और इससे ऊपर पहुंचने वाले को क्लास-थ्री की नौकरी मिलेगी और विश्व यूनिवर्सिटी गेम्स (नॉन-ओलंपिक) में स्वर्ण पदक विजेता को ग्रुप बी तथा रजत व कांस्य पदक विजेता को क्लास थ्री की नौकरी दी जाएगी.