सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का आज चौथा दिन, आमजन की मुसीबतें बड़ी

खबरें अभी तक। प्रदेश भर के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का आज चौथा दिन है। नगर पालिका कर्मचारी संघ के बैनर तले सफाई कर्मचकरियों ने बहादुरगढ़ में प्रदर्शन किया और नगर परिषद कार्यालय के गेट पर धरना भी दिया। इस दौरान कर्मचारियों ने  सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। दरअसल सफाई कर्मचारी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने और समान काम समान वेतन की मांग कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने सरकार से 5 हजार रुपये जोखिम भत्ता लागू करवाने, एनपीएस स्किम रद्द करवाने, ठेका प्रथा बंद करवाने की मांग की है। कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर योजनाबद्व तरीके से आंदोलन आगे बढ़ा रहे हैं।

आपको बता दें वैसे तो सफाई कर्मचारी प्रस्तावित 3 दिन की हड़ताल कर रहे थे, लेकिन सरकार की अनदेखी के चलते यह हड़ताल अनिश्चित काल तक चल सकती है। ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण  शहर भर में जगह-जगह  कूड़े के ढेर नजर आए। शहर में सफाई और कूड़े का उठान नहीं होने के कारण लोगों को खासी परेशानी का भी सामना करना पड़ा है । 4 दिन से कूड़े का उठान नहीं होने के कारण शहर में चारों तरफ कूड़ा ही कूड़ा दिखाई दे रहा है। लोगों का कहना है कि कूड़े से उठने वाली दुर्गंध के कारण उनका कूड़े के पास से आना जाना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने जल्द से जल्द सरकार और कर्मचारियों से हड़ताल को खत्म करने की मांग की है। वहीं हम आपको बता दें कि बहादुरगढ़ शहर में चल रही सफाई कर्मचारियों की हड़ताल में सिर्फ बहादुरगढ़ नगर परिषद के पक्के और कच्चे कर्मचारी शामिल हैं। वही बहादुरगढ़ शहर की सफाई का ठेका करीब 70 लाख रुपए में एक ठेकेदार को भी दिया गया है।

अब सवाल यह उठता है कि 70 लाख रूपय में शहर की सफाई करने वाले ठेकेदार के कर्मचारी आखिर कहां है। क्योंकि जब ठेकेदार के कर्मचारी हड़ताल में शामिल ही नहीं है तो उस शहर भर में सफाई क्यों नहीं की जा रही। सवाल यह भी उठता है किस शहर की सफाई का जिम्मा अगर नगर परिषद के कर्मचारियों के कंधे पर ही है तो 70 लाख रुपए का सफाई का ठेका आखिर दिया क्यों गया है।