हिमाचल प्रदेश: अब कमजोर बच्चों को उभारेगा शिक्षा विभाग

ख़बरें अभी तक। हिमाचल प्रदेश, कूल्लू-  कमजोर बच्चों को उभारेगा शिक्षा विभाग। फारमेट एसेसमेंट के तहत हर बच्चें को दिया जाएगा टारगेट। सरकारी स्कूल में अब हर बच्चें पर रहेगी अध्यापक की नज़र। उपनिदेशक को देना होगा साल भर बच्चों का ब्योरा।

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं से जमा दो तक के सभी विषयों में कमजोर विद्यार्थियों को अब पढ़ाने के तरीके में बदलाव किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि इन सभी विषयों में कमजोर बच्चों की छंटनी कर उन्हें टारगेट दिया जाएगा,  इसके लिए पहले बच्चों का मुल्यांकन किया जाएगा इसके बाद उनका टारगेट तय होगा। यह भी देखा जाएगा कि वह अब तक किस ग्रेड में है और किस ग्रेट के लिए तैयार करना है। इसके लिए जिला कुल्लू के प्रत्येक विद्यालय में अध्यापकों को उच्च शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं। शिक्षकों को सभी विषयों की पढ़ाई में कमजोर बच्चों को आसान तरीकों से बच्चों का ज्ञान बढ़ाने के लिए कहा गया है। इस दौरान बच्चों को पढ़ाने के लिए विभाग की ओर से अलग स्टडी मैटीरियल भी तैयार किया गया है,  जिसे सभी स्कूलों में भेज दिया गया है।

इसमें सभी विषयों को बनाया गया है रोचक

जिस विषय में अधिक बच्चे पिछड़ रहे हैं छात्रों की मदद शिक्षक करेंगे। प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकों से भी इस योजना के तहत सहयोग लिया जा रहा है। अप्रैल के शुरू होते ही जैसे ही बच्चा स्कूल में दाखिला लेता है तो उसी दौरान बच्चें से उसका पिछला ब्योरा लिया जाता है और उसी आधार पर उसका टारगेट तय किया जाता है। निजी स्कूलों की होड़ के चलते शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है कि सरकारी स्कूलों में अक्सर बच्चों पर अध्यापक ज्यादा ध्यान नहीं देता है इसलिए अब अध्यापकों का भी टारगेट तय होगा और इसकी रिपोर्ट देनी होगी। सालभर में कार्य न करने वाले शिक्षक की जवाब तलवी भी होगी।

फारमेट एसेसमेंट के तहत बच्चों का होगा टारगेट सेट इसमें सबसे पहले यह देखा जाएगा कि अब तक बच्चा किस स्थति में है और पिछे कौन सी ग्रेड आई है। मान लिजिए बच्चें ने ई ग्रेट हासिल की है तो उस बच्चे को शिक्षक हर विषय में देख रेख करेगा कि आखिर ई ग्रेड क्यों आई और किस विषय में सबसे कम अंक प्राप्त किए हैं। इसके बाद बच्चें से शिक्षक उसे आगे जाने की इच्छा जाहिर करेगा और डी ग्रेड का टारगेट तय किया जाएगा डी ग्रेड लाने के लिए बच्चें की कमियों पर ध्यान दिया जाएगा।

वर्ष भर में चार बार होगी फारमेट एसेसमेंट

वर्ष भर में बच्चों की चार बार फारमेट एसेसमेंट होगी इसमें आंका जाएगा कि बच्चा किस स्टेज पर था और अब किस स्टेज पर है। इसमें अगर बच्चें को दिया गया टारगेट तय नहीं कर पाया उस स्थति में बच्चों को अलग से उसकी पढ़ाई करवाई जाएगी और उस बच्चें पर फोक्स किया जाएगा।

इसमें कमजोर बच्चों की काउंसलिंग भी की जाएगी। इसमें हर एक बच्चें हर क्लास और हर स्कूल को टारगेट दिया गया है। यह टारगेट अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ही दिया जाएगा। वहीं उपनिदेश शिक्षा विभाग जगदीश का कहना है की जिला कुल्लू के सभी स्कूलों में फारमेट एसेसमेंट के तहत कार्य किया जा रहा है। इसके लिए अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में ही सभी स्कूलों के सभी बच्चों व अध्यापक और स्कूल को टारगेट दिया गया है। इसमें टारगेट के आधार पर ही तैयारियां होगी। इसके बाद इसमें दो समेटिव एसेसमेंट भी होगी।