शहीद का परिवार दर- दर की ठोकरें खाने को मजबूर

खबरें अभी तक। जम्मू कश्मीर के उड़ी आर्मी बेसकैंप पर हुए शहीद जवानों में कैमूर जिले के नूआन थानाक्षेत्र के बाढा गांव के जवान राकेश सिंह भी शहीद हो गए थे आज उनका परिवार दर-दर ठोखरें खाने को मज़बूर है। उनकी शहादत की खबर गांव में पहुंचते ही मातम छा गया था।वहीं अपने बेटे की मौत की खबर सुनकर मां की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे रोती हुई मां कह रही हैं कि एक मां की रक्षा के लिए दूसरी मां की कोख सूनी कर गया मेरा लाल, लेकिन मेरे बेटे ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण गंवाए हैं, उसने अपने दूध का कर्ज चुका दिया है। मुझे गर्व है अपने बेटे की शहादत पर।

पूरे गांव के लोगों ने कहा राकेश ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण की आहुति दी है। शहीद ने पूरे गांव का नाम रौशन किया है। पूरे गांव को गर्व है अपने वीर और बहादुर बेटे पर। शहीद राकेश की पत्नि ने बताया की पूरा एक साल हो गया है। अभी तक न कोई जिले से उच्च अधिकारी आये न तो कोई बड़ा नेता  आये। सरकार ने नौकरी व जमीन का वादा किया था वह भी भूल गये है । माँ ने कहा कि हमारा बेटा अगर जिंदा होता तो यह दिन देखना नही पड़ता। आज मेरी बहु दर- दर की ठोखरें खा रही है।अगर सरकार की आर्थिक मदद मिले तो हमारा परिवार दर दर ठोखरें खाने से बच सकता है।