प्रशासन द्वारा दिये गये आदेश का असर प्राईवेट विद्यालयो पर नहीं दिखा

खबरें अभी तक। कुशीनगर में हुए रेल हादसे के बाद जिले में संचालित हो रहे प्राईवेट विद्यालयो को बंद कराने का आदेश तो प्रशासन के द्वारा दे दिया गया लेकिन इसका असर प्राईवेट विद्यालयो पर होता हुआ नहीं दिख रहा. हादसे के एक हफ्ते बाद भी अवैध रूप से संचालित कर संचालक शासन और प्रशासन के आदेश को दरकिनार कर धड़ल्ले से स्कूल चला रहे है। वही जिला प्रशासन द्वारा बिना मान्यता के स्कुलों के खिलाफ कार्यवाही करने स्कूल संचालकों में हड़कंप मचा है।

जिले में संचालित हो रहे गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयो के खिलाफ शिक्षा विभाग ने पहले ही नोटिस दिया था लेकिन इसके बावजूद स्कूल संचालकों के द्वारा मनमाने तरीके से विद्यालय चलाया जा रहा था, और जिम्मेदार मौन थे. जिले में हुए रेल हादसे के बाद मंडला आयुक्त के आदेश पर जिले में संचालित हो रहे प्राईवेट विद्यालयो को जांच कर सील करने का आदेश दिया गया. हादसे के अगले दिन से ही जिला प्रशासन के द्वारा कार्यवाही तो की जा रही है लेकिन इसके बावजूद भी गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय अब भी चल रहे है. बिना मान्यता के संचालित हो रहे लगभग 90 स्कूल के खिलाफ प्रशासन नें खाका खीच लिया लेकिंन अब भी प्राइवेट स्कुल धडल्ले सें संचालित हो रहें हैं।

सबसे बड़ी बात ये़ है कि यें स्कुल संचालक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है. दुदही क्षेत्र के चार स्कुलों पर प्रशासन का डंडा चला तो इन अवैध संचालको में हड़कम्प मच  गया. क्षेत्राधिकारी तमकुही नें जिलें पर संचालित दो स्कुलों के बस को रोक कर जांच की तो निर्धारित सीट से अधिक बच्चों को बसों में ढोते देख उनके उपर कार्यवाही कर बस को थानें भेजवाया. अब देखना यह है कि प्रशासन का डंडा कब तक इन पर चलता है।