दर-दर भटक कर भीख मांग रहें इन नौनिहालों को शिक्षा की ओर ले जाने के कदम न तो प्रशासन ने उठाए है और न ही नेताओं ने। केवल भाषण, जनसभा या अधिकारियों की बैठक तक ही बाल श्रम अभियान सीमित रह गया है। वहीं, कुल्लू में आस्था के नाम पर भी प्रवासी बच्चों के ही परिजन इनसे भीख मंगवा रहे हैं। परिजनों को भी जागरूक करने में संबंधित विभाग नाकाम साबित रहा है। गौर है कि कुछ दिन पूर्व बाल विकास विभाग ने मनाली से भी कुछ बच्चों को रैस्क्यू किया था और उनके परिजनों को चेतावनी भी दी थी।
लेकिन कुछ दिनों बाद बाजारों में यह नजारा दोबारा आम हो गया है। वहीं, जिला कार्यक्रम अधिकारी वीरेंद्र आर्य ने बताया कि विभाग की टीम ढालपुर मैदान का निरीक्षण करेगी और बच्चों को रैस्कयू किया जाएगा। वहीं, अगर कोई परिजन अपने बच्चों से भीख मंगवाता है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।