एक मां बेटे की दर्दनाक कहानी, दोनों खो बैठे है मानसिक संतुलन

ख़बरें अभी तक। नई दिल्ली लखनऊ की एक महिला वकील और उसके 26 वर्षीय बेटे के साथ पांच साल पहले हुई घटना में दोनों अपना मानसिक संतुलन ही खो बैठे है और इन दिनों वे दोनों मयूर विहार एक्टेंशन इलाके के डिस्ट्रिक्ट पार्क में खानाबदोश की तरह जीवन बिता रहे हैं. दोनों खाने-पीने के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाते. महिला खुद को लखनऊ की वरिष्ठ वकील बताती हैं.

 

महिला यह तो बताती हैं कि 123/2 मारुतिपुरम फैजाबाद रोड लखनऊ की रहने वाली हैं, लेकिन यह नहीं बताया कि मां-बेटे दिल्ली कैसे पहुंचे?  ज्यादा पूछताछ करने पर उन्होंने एक पेज पर फोन नंबर लिखकर दिया. महिला द्वारा दिए गए नंबर पर हमने फोन किया तो उनके पिता त्रिलोकचंद ने फोन उठाया, जो उत्तर प्रदेश सरकार के एक विभाग से सेवानिवृत्त सिविल इंजीनियर हैं. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी रेनू लखनऊ के फैमिली कोर्ट की वकील हैं और तलाकशुदा हैं. करीब पांच वर्ष पहले कोर्ट चैंबर में कुछ वकीलों के साथ रेनू और उनके बेटे का झगड़ा हो गया था।

 

12वीं पास बेटा शशांक अग्रवाल चैंबर में रेनू की मदद करता था. वकीलों ने दोनों को बहुत पीटा. इसके बाद से दोनों की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. वह दोनों को अपने साथ रखना चाहते हैं, लेकिन रेनू कभी कभार आकर उनसे पैसे लेती है और चुपचाप लौट जाती है।

वहीं महिला व बेटे की यह हालत देखकर पार्क में आने वाले लोगों ने सोशल साइट पर पोस्ट कर उन्हें किसी आश्रम में भेजने की गुहार लगाई और अब सरकार से मदद का आश्वासन मिला है।