पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों पर सरकार का बयान कहा इतना भी महंगा नहीं है

खबरें अभी तक। पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतें आम आदमी के लिए परेशानियों का बड़ा कारण बना हुआ है। मुंबई, भोपाल और पटना में कीमत 80 रुपये के पार है। एक दर्जन राज्यों में पेट्रोल 75 रुपये के पार है। लेकिन सरकार को लगता है कि दाम इतने बढ़े नहीं है कि कुछ करने की जरूरत है। एक्साइज ड्यूटी घटाकर पेट्रोल की कीमतों में लगी आग से राहत की मांग हो रही है। जनता त्रिमाम कर रही है लेकिन सरकार को लग रहा है कि अभी हालात ऐसे नहीं है कि एक्साइज ड्यूटी घटाई जाए। सरकार के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने ऐसा ही बयान दे दिया है।

बता दें सरकार ने आखिरी बार एक्साइज ड्यूटी अक्टूबर 2017 में घटाई थी। इस दौरान पेट्रोल और डीजल दोनों पर दो-दो रुपये की ड्यूटी घटाई गई थी। उस वक्त केंद्र सरकार की अपील पर महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश ने वैट में कटौती की थी।

अगर सरकार एलपीजी की कीमतों को बढ़ाती है तो तेल की कीमतें सरकार के वित्तीय गणित पर असर डालेंगी। अगर क्रूड के दाम एक निश्चित सीमा तक पहुंच जाते हैं तब इनडायरेक्ट सब्सिडी प्रभाव में आएगी और ऐसे में एक्साइज ड्यूटी वगैरह घटाने पर दोबारा विचार किया जा सकता है। लेकिन, ऐसा अभी तक नहीं हुआ है।’ हालांकि आर्थिक सचिव ने यह नहीं बताया कि तेल कीमत कहां तक पहुंचने पर एक्साइज ड्यूटी घटाई जाएगी।

दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 74 रुपये 63 पैसे है। इसमें पेट्रोल की वास्तविक कीमत 35.68 रुपये है। इस पर 19.48 रुपये की एक्साइज ड्यूटी, 3.60 रुपये का डीलर कमीशन और 15.87 रुपये वैट लगता है। यानी आप दिल्ली में हैं तो आप तक पहुंचने वाले एक लीटर पेट्रोल पर 38.95 रुपये का टैक्स लगता है।

पेट्रोल की लगातार बढ़ रही कीमतों पर बीजेपी नेता नरेंद्र तनेजा ने कहा, ”हम जानते हैं कि उपभोक्ता क्या सोच रहा है, जनता इस बात को समझ रही है। हम राजनैतिक दल हैं हमारा जनता से सीधा संपर्क होता है। जनता को इससे दिक्कत नहीं है।