हियरिंग डिसेबिलिटी की शिकार सौम्या शर्मा यूपीएससी की परीक्षा में 9वीं रैंकिंग हासिल कर बनी दूसरी लड़कियों के लिए मिसाल

खबरें अभी तक। यूपीएससी की परीक्षा में 9वीं रैंकिंग हासिल करने वाली सौम्या शर्मा ने भी मिसाल कायम की है। जो अपने जैसी दूसरी लड़कियों के लिए भी प्रेरणा बन गई हैं क्योंकि वह ‘हियरिंग डिसेबिलिटी’ की शिकार हैं।  सफलता पाने के लिए लोग कड़ी मेहनत करते हैं। हाल ही में इस परीक्षा के परिणाम घोषित हो चुके हैं, जिसमें से पहले 25 रैक पर 8 महिलाएं अपनी जगह बनाने में कामयाब रहीं हैं। लिस्ट में दूसरा रैंक अनु कुमारी का रहा, जबकि महिलाओं की बात करें तो उन्होंने इसमें पहली जगह बनाई।

23 साल की सौम्या शर्मा ने पश्चिम बिहार के स्कूल से पढ़ाई की और दसवीं क्लास में टॉपर रहीं लेकिन 11 वीं कक्षा में जाने के बाद उन्हें सुनने में दिक्कत आने लगी।  ‘हियरिंग डिसेबिलिटी’ ने उन्हें घेर लिया। अपनी इस कमजोरी से उन्होंने अपने इरादों को डगमगाने नहीं दिया और अपनी पढ़ाई को जारी रखा। दिल्ली के नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी से 2017 में उन्होंने ग्रेजुएशन की और लॉ स्टूडेंट रहीं।

इसी के साथ सौम्या ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और खास बात यह थी कि  उन्होंने इसके लिए कोई केचिंग भी नहीं ली। इतना ही नहीं, परीक्षा के समय वह 103 डिग्री बुखार से तप रही थीं। फिर भी अपने एग्जाम की तरफ पूरी तरह से फोक्स किया और सफलता भी हासिल की।

सौम्या का कहना है कि सिविल सेवा की तैयारी करने वालों को कभी भी आत्मबल नहीं खोना चाहिए। आत्मबल ही कामयाबी का मूलमंत्र है। परीक्षा की तैयारियों के दौरान उन्होंने कभी भी आत्मबल को खोने नहीं दिया। सौम्या के मुताबिक, तैयारी के लिए वह पहले 6-7 घंटे की नींद लेती थीं और पूरा दिन पढ़ाई में लगाती थीं।

उनका मानना है कि उनके माता-पिता की स्पोर्ट के बिना यह परीक्षा पास करना बेहद  मुश्किल काम था। इसके लिए जमकर परीक्षा की तैयारी की लेकिन जबरदस्ती कभी पढ़ाई नहीं की। जब उनका दिल किया,पढ़ाई की। सौम्या का कहना है कि हर चीज का नोट बनाना जरूरी नहीं है। आगे बढ़ने की यही सोच महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई है।