POCSO एक्ट में होगा संशोधन, यौन शोषन से पीड़ित सड़को को भी मिलेगा मुआवज़ा

खबरें अभी तक। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने यौन शोषण के शिकार लड़कों को न्याय दिलाने के लिए कहा कि केंद्र यौन शोषण के शिकार पीड़ित लड़कों को न्याय दिलाने के लिए पोक्सो कानून में संशोधन करने की योजना बना रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 12 साल की उम्र तक की लड़कियों से बलात्कार करने वाले दोषियों को मौत की सजा देने वाले अध्यादेश को मंजूरी देने के बाद केंद्र इस पर विचार कर रहा है।

मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि सरकार हमेशा लैंगिक निष्पक्ष कानून बनाने के लिए प्रयासरत रहती है। सरकार ने यौन शोषण के शिकार लड़कों को न्याय दिलाने के लिए पोक्सो कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने चेंज डॉट ओआरजी पर फिल्म निर्माता इंसिया दरीवाला की एक याचिका का हाल ही में समर्थन किया है जिन्होंने कहा कि लड़कों के यौन शोषण की सच्चाई को भारत में नजरअंदाज किया जाता है। याचिका के जवाब में उन्होंने कहा कि यौन शोषण के शिकार बालकों पर अध्ययन कराया जाएगा जो अपनी तरह का पहला होगा। मेनका ने कहा था कि बाल यौन शोषण का सबसे अधिक नजर अंदाज किए जाने वाला वर्ग पीड़ित लड़कों का है।

बाल यौन शोषण में लैंगिक आधार पर कोई भेद नहीं है। बचपन में यौन शोषण का शिकार होने वाले लड़के जीवन भर गुमसुम रहते हैं । यह एक गंभीर समस्या है और इससे निपटने की जरुरत है। 

मंत्री ने कहा था कि याचिका के बाद उन्होंने सितंबर 2017 में राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर) को पीड़ित लड़कों के मुद्दे पर विचार करने के निर्देश दिए है।

एनसीपीसीआर ने पिछले साल नवंबर में इस संबंध में कांफ्रेंस की थी। उन्होंने कहा कि कांफ्रेंस से उठी सिफारिशों के अनुसार सबकी सहमती से यह फैसला किया गया है कि बाल यौन शोषण के पीड़ितों के लिए मौजूदा योजना में संशोधन होना चाहिए ताकि कुकर्म या यौन शोषण का सामना करने वाले लड़कों को भी मुआवजा मिल सके।