खबरें अभी तक। स्थानीय निकाय चुनाव का शोरगुल थमने के बाद राज्य में जल्द ही उपचुनाव की तैयारी में राजनीतिक दल भिड़ेंगे। दो विधानसभा सीटों गोमिया और सिल्ली में विधानसभा का उपचुनाव होगा। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही दोनों स्थानों के लिए उपचुनाव की तिथि की घोषणा होगी। ये दोनों सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कब्जे में रही हैं। ऐसे में एक बड़ी चुनौती पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के जिम्मे हैं। झामुमो की भरसक कोशिश दोनों सीटों पर कब्जा बरकरार रखने की होगी। इसके लिए निवर्तमान विधायकों की पत्नियां चुनावी समर में विरोधियों से दो-दो हाथ करेंगी।
दोनों विधानसभा सीटों पर काबिज रहे विधायकों के अयोग्य करार दिए जाने से उपचुनाव की नौबत आई है। गोमिया के निवर्तमान विधायक योगेंद्र प्रसाद कोयला तस्करी के एक पुराने मामले में सजा मिलने के बाद विधायकी गंवा चुके हैं, वहीं सिल्ली के विधायक अमित महतो अंचलाधिकारी के साथ मारपीट के मामले में दोषी ठहराए गए हैं। उनकी विधानसभा की सदस्यता भी रद की जा चुकी है। हालांकि पिछले वर्ष हुए लिट्टीपाड़ा विधानसभा उपचुनाव में झामुमो ने अपनी सीट पर कब्जा जमाए रखने में सफलता पाई थी। बदली राजनीतिक परिस्थितियों में गोमिया और विधानसभा में कब्जा बनाए रखना ज्यादा कठिन है।