आसाराम को जेल में फैसला सुनाने की अर्जी पर जज ने फैसला रखा सुरक्षित

खबरें अभी तक। अपने आश्रम में यौन शोषण करने के केस में आरोपी संत आसाराम बापू जेल में में सज़ा काट रहें है जिसके बाद उनपर केस की सुनवायी होने के लिए वकील ने कोर्ट में न जाकर जेल में ही सुनवाई करने की अर्जी लगायी थी। जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास की खण्डपीठ ने पुलिस की अर्जी पर दोनों पक्षों को सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया है। बुधवार को परशुराम जयंती का अवकाश होने के कारण पुलिस की याचिका पर संभवत: अब फैसला गुरुवार को सुनाया जाएगा।

बताते चले कि आसाराम के मामले में जोधपुर एससी-एसटी कोर्ट सात अप्रैल को सुनवाई पूरी कर चुका है और 25 अप्रैल को फैसला सुनाने की बात कही है। ऐसे में जोधपुर पुलिस को अंदेशा है कि आसाराम के समर्थकों के कारण फैसला सुनाते वक्त पंचकूला में गुरमीत राम रहीम के फैसले के समय जैसे हालात बन सकते हैं। वैसे ही आसाराम के भक्ति लगभग हर दिन जोधपुर आते रहते हैं, पूर्णिमा पर तो भक्तों की संख्या इतनी बढ़ जाती है कि पुलिस को उन्हे संभालना मुश्किल हो जाता है। पुलिस को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि 25 अप्रैल को फैसला सुनाए जाते समय आसाराम के भक्त बड़ी संख्या में जोधपुर पहुंच सकते हैँ। इसे देखते हुए ही जोधपुर पुलिस कमिश्नर अशोक राठौड़ की ओर से राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया है कि फैसले के दिन आसाराम को कोर्ट में बुलाने की बजाय जेल में ही फैसला सुनाया जाए।

इन सूचनाओं को देखते हुए पुलिस ने जोधपुर में प्रवेश के मार्गों पर 22 अप्रैल ही सुरक्षा कड़ी करने और शहर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की छानबीन करने का निर्णय किया है। उल्लेखनीय है कि आसाराम मामले की सुनवाई कर रही जोधपुर जिला एससी,एसटी कोर्ट ने 8 अप्रैल को प्रकरण की सुनवाई पूरी करते हुए 25 अप्रैल को फैसला सुनाने की बात कही थी।