19 अप्रैल को वायुसेना के सबसे बड़े युद्धाभ्यास गगनशक्ति का जायज़ा लेंगी रक्षामंत्री

खबरें अभी तक। अब तक के सबसे बड़े युद्ध अभ्यास गगनशक्ति में वायुसेना चीन से लगने वाली उत्तर और पूर्वी सरहद पर अपनी पूरी मारक क्षमता का प्रदर्शन कर रही है। इसके तहत वायुसेना के सबसे बड़े मालवाहक जहाज सी-17 ग्लोबमास्टर, आईएल 76, सी 130 जे सुपर हरक्यूलिस जैसे विमानों की मदद से ऊंचे पहाड़ी इलाकों में जवानों को उतारने का अभ्यास किया जाएगा। इससे पहले वायुसेना ने पाकिस्तान से लगने वाले फ्रंट पर गगनशक्ति के दौरान अपनी पूरी मारक क्षमता का प्रदर्शन किया।

पिछले 40 सालों में सबसे बड़े युद्धाभ्यास गगनशक्ति के दौरान वायुसेना चीन और पाकिस्तान से लगने वाली दोनों सरहद पर एक साथ लड़ाई लड़ने यानि टू फ्रंट वार की रणनीति को अंजाम दे रही है.

अब तक के सबसे बड़े युद्धाभ्यास में करीब 600 लड़ाकू विमानों के साथ ट्रांसपोर्ट विमान और हेलीकॉप्टर्स को मिला दें तो इस युद्धाभ्यास में करीब 1100 विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा ले रहे हैं। इनमें तेजस, सुखोई 30, मिग 29, जगुआर, मिराज-2000 सब शामिल हैं।

अभ्यास का फोकस पाकिस्तान और चीन से लगी सीमा पर कार्रवाई की तैयारी करना है। इसके साथ ही वायुसेना के लड़ाकू हेलीकॉप्टर एमआई 26 और 17 ऊंची पहाड़ी इलाकों में एक घाटी से दूसरी घाटी में सेना के जवानों को पैराड्राप करने की भी ड्रील कर रहा है।

आने वाले 19 अप्रैल को खुद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण असम के छबुआ एयर बेस जाकर गगनशक्ति युद्धभ्यास का आंखों देखा हाल देखेंगे और दिनभर वायुसेना की मारक क्षमता का खुद जायज़ा लेंगी।

लेह से लेकर उत्तराखंड और अरुणाचल तक चीन से लगने वाली सरहद पर वायुसेना एक साथ अपनी पूरी ताकत परख रही है। युद्ध के हालात में किस तरह से थल सेना के साथ मिलकर चीन और पाकिस्तान को एक साथ मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं। गगनशक्ति के दौरान इस बात की खोज बीन की जाएगी।

गगनशक्ति के दौरान वायुसेना दो चरणों में अपनी मारक क्षमता को परख रही है। पहले चरण में देश की पश्चिमी सरहद पर वायुसेना ने अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन किया. अगले चरण में देश की उत्तर और पूर्वी सरहद पर चीन और पाकिस्तान के खिलाफ एक साथ अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन कर रही है।