भाजपा सरकार ने की डी-नोटिफाई शुरू करने की तैयारी

खबरें अभी तक। पूर्व सरकार के कार्यकाल में अपग्रेड हुए स्कूलों को भाजपा सरकार ने डी-नोटिफाई करने की तैयारी शुरू कर दी है। पूर्व सरकार ने चुनाव से 6 माह पूर्व इन स्कूलों को अपग्रेड किया था। सरकार ने ऐसे स्कूलों की समीक्षा करने के बाद 280 से ज्यादा स्कूलों को डी-नोटिफाई करने का फैसला लिया है। बजट सत्र के बाद सरकार इस संबंध में अधिसूचना जारी कर सकती है। सूत्रों की मानें तो इस दौरान 75 मिडल स्कूल, 101 हाई व 105 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल डी-नोटिफाई किए जाएंगे।

गौर हो कि सरकार ने शिक्षा विभाग से ऐसे स्कूलों का स्टेटस मांगा था, जो पूर्व सरकार ने 6 माह या इससे पूर्व खोले व अपग्रेड किए थे। इन स्कूलों में छात्रों की संख्या, आसपास के स्कूलों से इन स्कूलों की दूरी, कितने क्षेत्रों के छात्र इससे लाभान्वित हो रहे हैं, इसका पूरा ब्यौरा विभाग ने सरकार से मांगा था। इसके बाद सरकार ने इसकी समीक्षा की और कई स्कूल मानकों से परे पाए जो स्कूल इन मानकों पर खरे नहीं उतरे, उन स्कूलों को सरकार अब डी-नोटिफाई करने जा रही है।

विधायकों व जनप्रतिनिधियों से ली जा रही राय 
सरकार इस संबंध में विधायकों व जनप्रतिनिधियों से भी राय ले रही है। इसके लिए इन्हें विभाग की ओर से पत्र भी लिखे जा रहे हैं। उनसे पूछा जा रहा है कि प्रदेश में खोले गए नए या अपग्रेड किए स्कूल से आसपास के क्षेत्रों के छात्रों को लाभ मिल रहा है, या ये स्कूल खाली ही हैं।

16 कॉलेजों में भी छात्रों की संख्या कम, 8 में एक छात्र भी नहीं
प्रदेश में एक साल पूर्व खोले गए 16 कॉलेजों में भी इस दौरान छात्रों की संख्या कम पाई गई है। 6 माह पहले खोले गए 9 कॉलेजों में से 8 में एक भी छात्र इनरोल नहीं हैं, ऐसे में ये कॉलेज खाली हैं। इन कॉलेजों में से सिरमौर के रोनहाट कॉलेज में केवल 19 छात्र हैं, जबकि लाहौल-स्पीति के काजा डिग्री कॉलेज, शिमला का ज्यूरी डिग्री कॉलेज, पवाबो कॉलेज, सिरमौर के ददाहु, पछौता, नारग, व ऊना जिला में बसदेड़ा कॉलेज में अभी तक छात्र इनरोल नहीं हैं।

ऐसे में सरकार इन कॉलेजों को बंद करने का फैसला ले सकती है। हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में सरकार ने इस मामले पर चर्चा की थी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बीते 5 साल में प्रदेश में लगभग 55 कॉलेज खोले गए हैं। इनके पास अपने भवन भी नहीं हैं। ये कॉलेज किराए के भवनों में चल रहे हैं।