इन वजहों से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फूले ने अपनी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

खबरें अभी तक। प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन में रविवार (1 अप्रैल) को बहराइच से बीजेपी सांसद साध्वी सावित्री बाई फूले ने अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने भारतीय संविधान और आरक्षण बचाओ महारैली की शुरुआत की. महारैली की शुरुआत डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर और कांशीराम की मूर्ति पर फूल अर्पित कर की. भारतीय संविधान और आरक्षण बचाओ महारैली में उन्होंने कहा, ‘मैं सांसद रहूं या ना रहूं, लेकिन अब चुप नहीं बैठूंगी.’ उन्होंने अपने संबोधन में कांशीराम का खुलकर जिक्र किया, लेकिन किसी भी बीजेपी नेता का नाम खुलकर नहीं लिया.

दलित घोड़े पर नहीं चढ़ सकता है- सावित्री फूले
भाषण देते हुए साध्वी सावित्री भाई फूले ने कहा कि जिस संविधान की बदौलत न्यायपालिक, कार्यपालिका चल रही ही है, आज तक वो संविधान क्यों नही लागू किया जा रहा है? दलितों की सामाजिक स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर कोई दलित भाई घोड़े पर सवार होकर शादी करने जाता है तो उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है. आज प्रदेश में बाबा साहेब की मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं. महारैली में मौजूद लोगों में जोश भरते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि हम कब तक चुप होकर सबकुछ बर्दाश्त करते रहेंग? जो लोग बहुजन समाज का नाश करने में लगे हैं वो हमारी लड़ाई कभी नहीं लड़ेंगे. हमें अपनी लड़ाई हमें खुद लड़नी होगी.

बाबा साहेब की मूर्तियां तोड़ने के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं- सावित्री फूले
बाबा साहेब की मूर्तियों को तोड़ने को लेकर साध्वी सावित्री बाई फूले ने कहा कि जो लोग मूर्तियां तोड़ रहें हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों नही हो रही है? उन्होंने बीजेपी सरकार के फैसले और चुप्पी को लेकर गंभीर सवाल उठाए. इस रैली को लेकर उन्होंने कहा कि संविधान और आरक्षण बचाओ महारैली के जरिए उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में आंदोलन किए जाएंगे. उन्होंने देशभर के बहुजन समाज से अपील की कि वे इस आंदोलन में शामिल हों.

मैं बाबा साहेब और कांशीराम की बेटी हूं- बीजेपी सांसद 
आगे उन्होंने कहा कि आज संविधान में समीक्षा की बात की जा रही है, कल संविधान बदलने की बात होगी. साध्वी सावित्री फूले बाई ने खुद को बाबा साहेब और कांशीराम की बेटी बताई. पार्टी से बगावत करने को लेकर उन्होंने कहा कि मैं आने वाले दिनों में सांसद रहूं या ना रहूं, लेकिन इन चीजों को और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने बहुजन समाज के लोगों से अपील की कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में सांसद चुनकर संविधान की रक्षा करें. उन्होंने कहा कि इसी मकसद से मैंने इस आंदोलन की शुरुआत की है.