खबरें अभी तक। अगले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा विरोधी मोर्चे को लेकर बातचीत के बढ़ते दौरों के बीच केरल के मुख्यमंत्री पिन्नराई विजयन ने कहा कि वह विपक्ष का गठबंधन बनाने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाने के इच्छुक नहीं हैं और उन्हें लगता है कि इसके बजाय लोगों को ‘‘असली राजनीतिक विकल्प’’ देना उद्देश्य होना चाहिए. विजयन (73) ने कहा कि इन दिनों क्षेत्रीय दल ‘‘मजबूत’’ हैं और अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिये इनके बीच के तालमेल का इस्तेमाल किया जा सकता है.
भाजपा पर लगाया लोकतांत्रिक मान्यताओं को ध्वस्त करने का आरोप-
भाजपा पर देश की लोकतांत्रिक मान्यताओं को ध्वस्त करने का आरोप लगाते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जिन लोगों को हराना अत्यावश्यक हो उन्हें हराने के लिये क्षेत्रीय दलों के बीच सहयोग जरूरी है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके तेलंगाना के अपने समकक्ष तथा तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव के कांग्रेस या कांग्रेस के बगैर ऐसा संघीय मोर्चा बनाने के प्रयासों की पृष्ठभूमि में विजयन का यह बयान आया है.
इन दिनों क्षेत्रीय दल मजबूत-
विजयन ने यहां एक विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘इन दिनों क्षेत्रीय दल मजबूत हैं. असली राजनीतिक विकल्प के लिये चुनावों के दौरान क्षेत्रीय विकल्प पर विचार किया जा सकता है. राष्ट्रीय स्तर पर किसी एक खास पार्टी से हाथ मिलाने का कोई औचित्य नहीं है.’’ इस साल जनवरी में माकपा की केंद्रीय समिति द्वारा मंजूर किये गए मसौदा राजनीतिक प्रस्ताव में कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के चुनावी गठजोड़ या समझौते को खारिज किया गया था.
पार्टी का मुख्य उद्देश्य भाजपा को हराना-
समिति ने लेकिन कहा था कि पार्टी का मुख्य उद्देश्य ‘‘भारतीय जनता पार्टी को हराना’’ है और वह इस मकसद के लिये सभी ‘‘लोकतांत्रिक ताकतों को संगठित करेगी.’’ रोचक बात यह है कि माकपा ने 30 मार्च को घोषणा की थी कि वह कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा को हराने के लिये ‘‘सबसे मजबूत उम्मीदवार’’ का समर्थन करेगी जिसका मतलब कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करना भी हो सकता है.
कुछ संवैधानिक निकाय ‘कठपुतली’ की तरह काम कर रहे हैं-
भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार पर करारा हमला जारी रखते हुए विजयन ने कहा कि सभी धर्मनिरपेक्ष लोग देश में हो रही घटनाओं से व्यथित हैं और यही एक आंदोलन में बदलकर दक्षिण-पंथी सरकार को सत्ता से बाहर करेगा. इस हफ्ते की शुरुआत में माकपा की केंद्रीय समिति की बैठक में शामिल होने विजयन दिल्ली आए थे. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुखद है कि कुछ संवैधानिक निकाय सरकार के हाथों की ‘‘कठपुतली’’ की तरह काम कर रहे हैं. उनके इस बयान को निर्वाचन आयोग पर निशाने के तौर पर देखा जा रहा है.