बीसीसीआई की 5000 करोड़ की डील पर उठे सवाल?

बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इंडिया (बीसीसीआई) मीडिया राइट्स से 5000 करोड़ रुपए का अप्रत्याशित लाभ ले सकता है, लेकिन इस खेल के दो बड़े खिलाड़ी स्टार और सोनी 3 अप्रैल को होने वाली ई नीलामी में अपनाए जा रहे मानकों को लेकर सवाल उठा रहे हैं. यह सवाल बोर्ड की प्रशासनिक योग्यताओं से भी जुड़े हैं. नीलामी के लिए औपचारिकताएं पूरी करने की समय सीमा 27 अप्रैल, शाम पांच बजे खत्म हो चुकी है. बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने 28 मार्च को 12 बजकर 5 मिनट पर सभी संबंधित पक्षों को एक ईमेल भेजा कर सूचित किया था कि इस समय सीमा को 29 मार्च शाम बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है. अब कहा जा रहा है कि तय समय सीमा खत्म हो जाने के बाद आखिरी तारीख बढ़ाया जाना एक गंभीर मामला है.

शुक्रवार को बोली लगाने वाली एक टीवी कंपनी ने डीएनए से बातचीत में कहा, क्या इसे किसी एक कंपनी के पक्ष में जानबूझकर फैसला करने का प्रयास नहीं माना जाना चाहिए?

सोनी ने कहा, अंतिम समय में बोली के लिए बदलाव हो रहे हैं. उन्होंने इस बदलाव के लिए चल रही छुट्टियों का हवाला दिया है. साथ ही एक सप्ताह की देरी इसलिए भी हो रही थी क्योंकि बीसीसीआई के पास 322 जवाब देने के लिए 322 सवाल मौजूद थे.

2012 के विपरीत, जब घरेलू इंटरनेशनल मैचों के मीडिया अधिकार 43 करोड़ रुपए से कम कीमत पर दिए गए थे तो स्टार ने हाल ही में टीआरपी आंकड़ों के आधार पर अलग-अलग मैचों की अलग-अलग बोली की बात कही है.

स्टार ने प्रमाण के तौर पर टीआरपी रेटिंग चार्ट सामने रखा है, जिसमें भारत-पाकिस्तान के मैचों को 11.5 की रेटिंग दी गई है जबकि अन्य मैचों की रेटिंग 2 के आसपास है. स्टार द्वारा लिखे गए एक खत में कहा गया है कि बीसीसीआई और सीओए को इस बात की सराहना करनी चाहिए कि इससे सभी बोली लगाने वालों को एक कठिन प्रक्रिया से गुजरना होगा.