संसद के न चलने की वजह से विदा हो रहे सांसदों को आखिरी सत्र में पेश होने वाले ट्रिपल तलाक जैसे प्रमुख मुद्दों पर अपनी राय रखने का मौका नहीं मिल पाया। इस पर खेद जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिटायर हो रहे सांसदों को भावभीनी विदाई दी। उन्होंने कहा कि रिटायर हो रहे सदस्यों के लिए संसद परिसर और प्रधानमंत्री कार्यालय का दरवाजा खुला रहेगा, जहां वे जरूर आएं। उनके विचारों का सदैव स्वागत रहेगा। रिटायर होने वाले सांसदों ने संसद के न चल पाने पर गंभीर चिंता जताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी विपक्ष के साथ सरकार की भी होती है।
राजनीतिक दलों की अपनी अलग-अलग विचारधारा होती है, जिसे वे सदन में स्थापित भी करते हैं। ग्रीन हाऊस (लोकसभा) की बातों का असर रेड हाऊस (राज्यसभा) में नहीं होनी चाहिए। यह उच्च सदन है, जिसकी भारतीय लोकतंत्र में अहम भूमिका रहती है। लगातार 16 दिन तक ठप रहने के बाद बुधवार को राज्यसभा में पूरी तरह शांति रही, जिसमें रिटायर हो रहे सदस्यों को भावभीनी विदाई दी गई।