बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोका

खबरें अभी तक। भुंतर पुलिस थाना के अधीन एक गांव में महिला एवं बाल विकास विभाग ने फेरों के दौरान एक बाल विवाह को रोक दिया। अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने ऐन मौके पर दबिश देकर पूरे कार्यक्रम को बंद करवा दिया। इस प्रकरण में लड़की अभी 13 साल की है और लड़का 21 साल का। 18 अप्रैल को लड़की 14 वर्ष की हो जाएगी।

जब अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची तो शादी में जुटे मेहमान नाचने-गाने में मशगूल थे तो कुछ कुल्लवी धाम का आनंद ले रहे थे। विवाहोत्सव की बधाई देने वालों का भी तांता लगा हुआ था। विभाग की टीम के दखल से अचानक सबके होश उड़ गए। विभाग की टीम ने लड़का और लड़की के परिजनों को समझाया कि इस विवाह को रोक दें। 18 साल से कम उम्र की लड़की की शादी करवाना जुर्म है।

टीम ने लड़की के परिजनों को कहा कि वे लड़की को अपने साथ ले जाएं। लड़के के परिजनों को भी समझाया कि वे लड़के को समझाएं ताकि यह विवाह न हो।

परिजन विभागीय टीम से उलझे, नहीं दिखाए सर्टीफिकेट 
विभाग की टीम के समक्ष लड़की और लड़के के परिजनों ने माना कि हम यह विवाह नहीं करवाएंगे। इस दौरान लड़की और लड़के दोनों के परिजनों ने विभाग की टीम को कहा कि लड़की कपड़े बदलकर आएगी और उसके बाद हम लड़की को घर ले जाएंगे। कपड़े बदलने के बहाने लड़के और लड़की के परिजनों ने दूल्हा-दुल्हन को मौके से भगा दिया और टीम देखती ही रह गई। इसके बाद दोनों के परिजन टीम से उलझ पड़े और लड़का व लड़की के सर्टीफिकेट भी टीम को नहीं दिखाए। टीम सर्टीफिकेट के जरिए लड़का व लड़की की उम्र का पता लगाना चाहती थी।

दाड़न पूजन के लिए जा रहे थे दूल्हा-दुल्हन 
टीम ने मौके पर फोटो लिए और पूरी शादी की वीडियोग्राफी भी करवाई। विभाग का कहना है कि जिस वक्त टीम ने दबिश दी, उस समय दूल्हा और दुल्हन को दाडऩ पूजन के लिए ले जाया गया था और फेरे लिए जा रहे थे। दाड़न पूजन जंगली अनार के पेड़ की पूजा को कहा जाता है। नव दम्पति से इस पेड़ की पूजा-अर्चना करवाई जाती है और इस पेड़ के इर्द-गिर्द फेरे भी करवाए जाते हैं। मंदिर में भी इससे पूर्व पूजा-अर्चना करवाई थी। दूल्हा-दुल्हन के फरार होने से टीम के हाथ कुछ नहीं लग सका।