लाहौल से रोहतांग पैदल पार करने वालों को राहत

खबरें अभी तक।   कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय और एस.डी.एम, डी.एस.पी. तथा बी.आर.ओ. कमांडर की बैठक रंग लाई है। इस बैठक से रोहतांग दर्रा पैदल पार करने वाले लाहौल के लोगों को राहत मिल गई है। लोगों ने दर्रा पैदल पार करना शुरू कर दिया है। पहले दिन सोमवार को 49 लोग दर्रे के आर-पार हुए। बैठक में हुए निर्णय के अनुसार सोमवार सुबह 5 वाहनों में 32 लोग रोहतांग रवाना हुए। वाहन मढ़ी को पार करते हुए राहनीनाले के पास पहुंच गए। लाहौल-स्पीति प्रशासन ने पैदल दर्रा पार करने वाले राहगीरों के लिए मढ़ी व कोकसर में बचाव दल तैनात किए हैं।

बी.आर.ओ. लाहौल जाने वालों को गुलाबा से आने की अनुमति नहीं दे रहा था जिस कारण लोग पैदल दर्रा पार करने से जोखिम को देखते हुए संकोच कर रहे थे। लेकिन गुलाबा से आगे वाहन ले जाने की अनुमति मिलते ही सोमवार को 49 लोगों ने दर्रा आर-पार किया। लाहौल की ओर से 2 वाहनों में 17 लोगों ने दर्रा पार कर मनाली दस्तक दी।

एक सप्ताह के भीतर बहाल होगा रोहतांग दर्रा 
बी.आर.ओ. ने मौसम खुलते ही रोहतांग दर्रे की बहाली को तेज कर दिया है। सोमवार को मनाली की ओर से बी.आर.ओ. के डोजर राहलाफाल के करीब पहुंच गए हैं जबकि लाहौल की ओर से दर्रे के पास पहुंच गए हैं। मौसम ने साथ दिया तो बी.आर.ओ. एक सप्ताह के भीतर रोहतांग दर्रे को बहाल कर देगा। बी.आर.ओ. के रोहतांग पहुंच जाने से दर्रा आर-पार करने वालों में खुशी का माहौल है। मनाली एस.डी.एम. रमन घरंगसी ने दर्रा पार करने वालों से आग्रह किया है कि लोग सुरक्षा का ध्यान रखें।

उन्होंने कहा कि बर्फ को देखते हुए ही वाहन चालक वाहनों को गुलाबा से आगे ले जाएं। उधर, बी.आर.ओ. कमांडर कर्नल अरविंद कुमार अवस्थी ने बताया कि मौसम साफ रहा तो बी.आर.ओ. अप्रैल के पहले सप्ताह में रोहतांग दर्रे को बहाल कर देगा। उन्होंने बताया कि रोहतांग को प्राथमिकता में बहाल करने के बाद बी.आर.ओ. बारालाचा व सरचू का रुख करेगा।