टीचर्स की डिग्रियां निकली फर्जी

खबरें अभी तक। स्कूल शिक्षा बोर्ड में साल 2004-05 में हुई शिक्ष की भर्तियां शक के घेरे में हैं। राज्य के कई स्कूलों में कार्यरत करीब 21 टीजीटी और पीजीटी टीचर्स की डिग्रियों को बिहार की मगध यूनिवर्सिटी ने फर्जी करार दिया है। इतना ही नहीं हमीरपुर विजिलेंस विभाग की जांच में भी यह डिग्रियां फर्जी निकली है। फिलहाल टीम जांच करने के बाद बिहार से लौट आई है। अब वह यह रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। इन फर्जी शिक्षकों की सरकारी नौकरी के साथ-साथ सैलरी की रिकवरी भी की जा सकती है।

जानिए क्या है पूरा मामला
राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो शिमला हेडक्वार्टर में एक व्यक्ति ने इन शिक्षकों की फर्जी डिग्रियों होने की शिकायत की थी। साल 2004-2005 में प्रदेश शिक्षा विभाग में टीजीटी की भर्तियों में करीब 2 दर्जन अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने फर्जी डिग्रियां दिखाकर नौकरी प्राप्त की थी। इसके बाद कुछ शिक्षक पदोन्नत होकर पीजीटी बन गए। जब बाद में इनकी शिकायत मिली तो जांच शुरू हुई। वहां पर पता चला कि इन शिक्षकों का कोई रिकॉर्ड नहीं है।