बिहार: अश्विनी चौबे के बेटे की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गरमायी सियासत

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे का नाम लिये बिना कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए कि वारंट जारी होने के बावजूद ‘वह’ खुलेआम कैसे घूम रहा है।

साथ ही तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सरकार पर वह नियंत्रण खो चुके हैं और बिहार की सरकार नागपुर के इशारे पर चल रही है, यह दिखाता है कि ‘वे’ कितने कमजोर हो गये हैं।

वहीं, बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान सदन शुरू होने के पूर्व ही राजद विधायकों ने सोमवार को सदन के बाहर जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। राजद विधायक भाई वीरेंद्र के नेतृत्व में पार्टी विधायकों ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और उनके बेटे अर्जित शाश्वत चौबे की गिरफ्तारी की मांग के साथ भोजपुर में पत्रकार की हत्या को लेकर हंगामा किया।

राजद ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री की मदद करने में लगे हैं। पूरे बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी दयनीय हो गयी है। साथ ही पार्टी ने बिहार में पत्रकार की हुई हत्या पर सवाल उठाये। वहीं, जदयू विधायक श्याम रजक ने कहा कि बिहार की कानून-व्यवस्था सबसे अच्छी है।

भाई वीरेंद्र ने कहा कि भाजपा-आरएसएस और जदयू के लोग कानून से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में कोई आदमी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि शाश्वत चौबे के खिलाफ सिर्फ वारंट जारी किया गया है और वह खुलेआम बयान दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री पर उन्होंने केंद्रीय मंत्री के बेटे को मदद करने का भी आरोप लगाया। कानून का राज स्थापित करने के लिए आरोपित पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

विपक्ष द्वारा अश्विनी चौबे के बेटे को सरकार का संरक्षण दिये जाने के आरोप पर भाजपा विधायक नितिन नवीन ने कहा कि सरकार किसी को नहीं बचाती है। अर्जित शाश्वत पर प्राथमिकी हमारी ही सरकार ने दर्ज की है। हमारी ही सरकार कार्रवाई भी करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह ‘वह’ सरकार नहीं है, जो अपने लोगों पर प्राथमिकी भी नहीं करती थी।