बदल रहा है इंडोनेशिया का राजनीतिक परिदृश्य, पुरानी परंपराओं को तोड़ दिखाई ये हिम्मत

इंडोनेशिया में राजनैतिक माहौल बदल रहा है। राजनीति में पुरानी परंपराओं को छोड़ अब पॉलीटिशियन नए ढांचे में खुद को ढाल रहे हैं। इंडोनेशियन सोलिडेरिटी पार्टी के जकार्ता मुख्यालय में कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को ‘ब्रो’ और ‘सिस’ कहकर बुलाना शुरु दिया है। साथ ही कई राजनीतिक नेताओं ने राजनेताओं के पारंपरिक पहनावे को छोड़ जींस पहनना शुरु कर दिया है। इंडोनेशिया में सन 1998 में लंबे समय से चले आ रहे दमनकारी शासन का अंत हो गया था जिसके बाद वहां लोकतंत्र बहाल हो गया।

लेकिन लगभग दो दशक के बाद दुनिया के तीसरे सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के 190 लाख मतदाताओं को उन उम्मीदवारों की भीड़ से चुनने के लिए कहा जाता है। 2019 का राष्ट्रपति चुनाव एक बार फिर 2014 के इतिहास को दोहराने जा रहा है, जब वर्तमान नेता जोको विडोडो ने प्रभावो सबियान्टो को हरा दिया है जो पूर्व आर्मी जनरल सुहार्टो की बेटी से शादी कर चुके थे।

पीएसआई नेता ग्रेस नताली जो एक पूर्व टेलीविजन पत्रकार हैं, का मानना है कि वर्तमान समय एक नई पीढ़ी के नेताओं के लिए है जो वास्तव में लोगों के लिए जवाबदेह होंगे। उनकी पार्टी ऐसे लोगों को संसद में शामिल करने के लिए साक्षात्कार कर रही है, और इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चर्चा की जाती है। शिक्षक, कॉर्पोरेट वकील, डॉक्टर और बैंकर उन लोगों में से हैं जिनके साक्षात्कार को फेसबुक और यूट्यूब पर प्रसारित किया गया है।

“कोई अन्य पार्टी इस तरह की पेशकश नहीं कर रही है। उन्होंने पार्टी मुख्यालय में ये बातें कहीं जहां की दीवारों पर लगे पोस्टर में लिखा है “मेक आर्ट, नॉट वॉर।