VHP नेता ने ममता बनर्जी को बताया ‘मारीच’, कहा- हिन्दुओं को बना रही हैं बेवकूफ

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में रामनवमी को लेकर उत्साह के साथ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप पर तेज़ होता दिखा. यहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी ने इस मौके पर रविवार को राज्य के विभिन्न हिस्से में रैलियों का आयोजन किया और रंगारंग जुलूस निकाले. बीजेपी जहां इन रैलियों को बंगाल के ‘हिन्दुओं को एकजुट’ करने की दिशा में पहला कदम बता रही है, वहीं सत्ताधारी टीएमसी पर  एक समुदाय के तुष्टिकरण की राजनीती करने का आरोप लगाया.

रामनवमी के मौके पर किसी तरह के टकराव को टालने के लिए पुलिस भी करीबी नजर बनाए हुए है. वहींबीजेपी के एक नेता कहते हैं, त्योहारों के दौरान एक खास समुदाय को तो हथियार रखने की अनुमति दे दी जाती है, वहीं दूसरे को प्रतिबंधित कर दिया है.’ जुलूस में हथियार रखने पर सफाई देते हुए वह इसे भक्तों की ‘भगवान राम के प्रति श्रृद्धा और भक्ति’ करार देते हुए.राज्य के भाजपा सचिव सायंतन बसु कहते हैं, ‘रामनवमी के जुलूस के दौरान हम किसी से हथियार रखने को नहीं कह रहे हैं, लेकिन अगर कोई ऐसा करता है तो ये भगवान राम के प्रति उसकी आस्था और भक्ति होगी. हम इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं.इसके साथ ही भाजपा के नेता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुहर्रम में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को हथियार ले जाने की अनुमति दी थी, लेकिन राम नवमी के जुलूस के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं को प्रतिबंधित कर परेशान किया गया.

बसु कहते हैं, ‘मुहर्रम के दौरान सरकार की दया को देखना दुर्भाग्यपूर्ण है, जहां वे मुसलमानों को हथियार चलाने की इजाजत देते हैं. लेकिन हर साल वे रामनवमी के दौरान इसे मुद्दा बनाने की कोशिश करते हैं. ऐसा पूर्वाग्रह क्यों? बंगाल के कुछ हिस्सों में रैलियां पहले से ही शुरू हो चुकी हैं और मैं राज्य प्रशासन से अनुरोध करता हूं कि हमारे साथियों को परेशान न करें.’

इस बीच तृणमूल कांग्रेस भी रामनवमी पर पहली बार रैलियों का आयोजन कर ये साबित करने की कोशिश में है कि हिन्दू त्योहारों पर सिर्फ भाजपा का अधिकार नहीं. ये कदम पिछले साल इसी अवसर पर भगवा पार्टी की तरफ से किए सफल आयोजन को देखते हुए उठाया गया.

वहीं इस पर विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन से जब न्यूज़18 ने फोन पर बातचीत में कहा कि ममता बनर्जी की पार्टी का रामनवमी का उत्सव मनाना यह साफ़ करता है कि बंगाल में अब परिवर्तन होना ही होना है. ऐसा लग रहा है कि ममता बनर्जी ने हिंदुत्व के आगे अपना सिर झुका दिया है.

जैन ने कहा, ‘बंगाल सरकार हमारे समर्थकों को परेशान कर रही है और उन्हें रामनवमी जुलूस के आयोजन से रोका जा रहा है. बर्दवान में, टीएमसी गुंडों ने हमारे पंडालों में आग लगा दी और हमारे समर्थकों को धमकी दी. लेकिन मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि हमें कोई भी रैली के आयोजन से नहीं रोक सकता. मैं बंगाल सरकार से सवाल करना चाहूंगा कि मुहर्रम जुलूस से पहले मुसलमानों को अनुमति मिलती है?

वहीं वीएचपी नेता ने ममता की तुलना पौराणिक राक्षस मारीच से की, जो रावण का सहयोगी था. उन्होंने कहा कि ममता रामायण की मारीच जैसी भूमिका निभा रही हैं और हिंदू समाज को बेवकूफ़ बना रही हैं. लेकिन अब उनका सच सबके सामने आ गया है. बंगाल के लोग समझ गए कि उनकी ये तुष्टीकरण की राजनीति उन्हें लंबे समय तक टिकने नहीं देगी और इसलिए उन्होंने राम नवमी मनाने का फैसला किया है.

इस बीच, जिला और शहर पुलिस ने सभी पुलिस स्टेशनों को सतर्क कर दिया है. रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) समेत सभी संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं जिनमें मेटाब्रिज़, किदरपुर, वग्गंज और पार्क सर्कस शामिल हैं.

सभी सीमावर्ती इलाकों, मुख्य रूप से सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों को भी कड़ी चेतावनी पर रखा गया है. हुगली, हावड़ा, उत्तर 24-परगना, दक्षिण 24-परगना, मुर्शिदाबाद और मालदा जैसे स्थानों पर फ्लाइंग स्क्वाड को कार्रवाई के लिए रखा गया. संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस अधिकारी ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का अनुरोध किया है.

राज्य के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अनुज शर्मा ने कहा, ‘हमारे अधिकारी जुलूस के दौरान शांति बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. हम कानून-व्यवस्था की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.’

बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य गृह विभाग को 25 मार्च को रामनवमी जुलूस के दौरान हथियारों के प्रदर्शन को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय करने के लिए कहा था.