अलीगढ़ के हॉस्पिटल में पहले कमरा बनेगा, फिर एमआरआइ सुविधा

खबरें अभी तक। दीनदयाल अस्पताल में एमआरआइ (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) सुविधा के लिए मरीजों को अभी इंतजार करना पड़ेगा। एमआरआइ मशीन के लिए पहले नया भवन बनेगा, उसके बाद सुविधा शुरू होगी। इसमें तीन से चार माह या इससे ज्यादा समय लग सकता है। भवन निर्माण के लिए शासन से 50 लाख रुपये की पहली किस्त आ गई है।

ये है एमआरआइ : एमआरआइ स्कैन का इस्तेमाल मस्तिष्क, हड्डियों व मासपेशियों, सॉफ्ट टिश्यू, चेस्ट, ट्यूमर कैंसर, स्ट्रोक, डिमेंशिया, माइग्रेन, धमनियों के ब्लॉकेज और जेनेटिक डिस्ऑर्डर का पता लगाने में होता है। जिले के सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा नहीं है।

दीनदयाल में कवायद : यूपी हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोग्राम के तहत करीब छह माह पहले दीनदयाल अस्पताल में एमआरआइ सुविधा के लिए कवायद शुरू हुई। लखनऊ से आई टीम अस्पताल मेंएक कक्ष को चिह्नित कर गई। मशीन व अन्य उपकरणों के लिए विद्युतीकरण हुआ। नवंबर में मशीन आने व दिसंबर 2017 के पहले सप्ताह से यह सुविधा पीपीपी (प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप) के आधार पर शुरू होने की संभावना थी। संबंधित कंपनी की टीम ने उस कक्ष को खारिज कर दिया, क्योंकि उसमें मशीन व उपकरण रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी। कक्ष अस्वीकृत होने पर करीब दो माह तक मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद प्रबंधन ने भवन निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा, जिसे शासन ने स्वीकृत कर दिया।