आक्रामक रवैये के लिए पहचाने जाते हैं बोल्टन, उनके सामने है चुनौतियों का पहाड़

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अपनी टीम में फिर फेरबदल करते हुए जॉन आर बोल्टन को लेफ्टिनेंट जनरल एचआर मैकमास्टर की जगह नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है। इस बाबत खुद राष्‍ट्रपति ने ट्वीट कर जानकारी दी है। इस पद पर उनकी यह तीसरी नियुक्ति है। बोल्‍टन 9 अप्रैल से यह पद संभालेंगे। इससे पहले वह संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत रह चुके हैं। बोल्‍टन को सख्‍त फैसला लेने के लिए भी जाना जाता है। गौरतलब है कि ट्रंप ने इससे पहले इस पद पर किसी भी तरह के फेरबदल से साफ इंकार कर दिया था।

गौरतलब है कि सत्ता संभालने के बाद ट्रंप अपनी टीम में अब तक कई बड़े बदलाव कर चुके हैं। व्‍हाइट हाउस ने इस बदलाव को लेकर दोनों के बीच किसी तरह की नाराजगी से साफ इंकार किया है। व्‍हाइट हाउस का यहां तक कहना है कि दोनों के बीच संबंध काफी अच्‍छे थे। खुद ट्रंप ने भी मैकमास्‍टर की तारीफ में कहा कि वह उनके द्वारा दी गई सेवा के लिए उन्‍हें धन्‍यवाद देते हैं, उन्‍होंने काफी बेहतर काम किया और वह हमेशा उनके दोस्‍त बने रहेंगे। जहां तक व्‍हाइट हाउस की बात है तो वहां से यह भी कहा गया है कि इस बदलाव की सहमति खुद मैकमास्‍टर ने ही ट्रंप को दी थी। आपको यहां पर ये भी बता देना जरूरी होगा कि अभी लगभग एक सप्‍ताह पहले ही ट्रंप ने अपने विदेश मेंत्री रैक्‍स टिलरसन को पद से हटाकर उनकी जगह सीआईए के डायरेक्‍टर को माइक पोंपेओ को यह पद सौंपा था।

 अमेरिका के नए राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े तमाम मुद्दों के विशेषज्ञ के तौर पर जाना जाता है। वर्ष 2005-2006 में वह संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के स्थायी प्रतिनिधि रहे थे। इसके अलावा वर्ष 2001-2005 तक शस्त्र नियंत्रण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए विदेश अवर सचिव रह चुके हैं। राष्‍ट्रपति ट्रंप के साथ काम करने से पहले बोल्‍टन रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति रोनल्ड रेगन, जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश और जॉर्ज डब्ल्यू बुश के साथ भी काम कर चुके हैं। वर्ष 2003 में इराक पर हुए हमलों को उन्‍होंने खुल कर समर्थन किया था। इसके अलावा वह ईरान और उत्तर कोरिया के खिलाफ सेना के इस्तेमाल की भी वकालत करते रहे हैं। वहीं रूस के खिलाफ भी उनका रवैया काफी सख्‍त रहा है।